नवगछिया: संविधान के निर्माता डॉ. भीम राव अांबेडकर की पुण्यतिथि प्रखंडों सरकारी-गैरसकारी संस्थानों में कार्यक्रम का अयोजन किया गया। इस मौके पर लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। नगछिया के मदन अहिल्या महिला कॉलेज में एबीवीपी की कॉलेज अध्यक्ष स्मृति सिंह की अध्यक्षता में सामाजिक समरसता विषय पर संगोष्ठी हुआ। प्रभारी प्राचार्या डॉ सुदामा यादव, डॉ राजीव सिंह उपस्थित रहे। डॉ रीता रॉय ने कहा कि हमें कभी भी धर्म एवं जाति के नाम पर नहीं बंटना चाहिए। बाबा साहब के बताए मार्ग पर चलने से ही देश और समाज में समरसता आएगी।

प्रभारी ने कहा कि हमें महापुरुषों के जीवन के संघर्ष से शिक्षा लेनी चाहिए। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महाविद्यालय इकाई के द्वारा गजाधर भगत महाविद्यालय में भी कार्यक्रम हुआ। वहीं कहलगांव में एबीवीपी के सदस्यों ने पौधे लगाए। एसएसवी कॉलेज, महादलित बस्ती में एवं कहलगांव के अम्बेदकर चौक पर उनका महापरिनिर्माण दिवस के समरसता दिवस के रूप में मनाया गया।

बिहपुर में बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले डाकबंगला परिसर में कार्यक्रम के दौरान नसीब रविदास ने कहा कि केंद्र सरकार पिछड़ों के प्रति संवेदन ही है। जेएनयू सहित तमाम सरकारी संस्थानों में शिक्षा की बदतर हालत है। डॉ. अंबेडकर ने राजनीतिक बराबरी के साथ सामाजिक-आर्थिक बराबरी चाहते थे। वहीं नाराणपुर में शिव प्राण मैटी मिशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम में डॉ सुभाष कुमार विद्यार्थी ने कहा कि भारत महापुरुषों का देश रहा है। इसी कड़ी में बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर हैं जिन्होंने भारत को न्याय के साथ सर्वांगीण विकास के लिए एक अमूल्य संविधान दिया।

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