19 साल के बाद इस बार सावन दोमास का हो रहा है. दरअसल अधिमास के कारण सावन दो माह का होगा और इसमें 59 दिन होंगे. मलमास के कारण श्रद्धालुओं पर भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा बरसेगी. सावन चार जुलाई को शुरू होकर 31 अगस्त को समापन होगा. पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय हैं, जो कि हमारी मनोकामना पूरी कर सकते हैं. इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन मलमास रहेगा.

इस बार सावन में होंगे आठ सोमवार, 30 अगस्त को रक्षाबंधन

भगवान शिव के लिए विशेष दिन माना जाने वाला सोमवार इस बार सावन में आठ है. इसमें पहली सोमवारी 10 जुलाई को, जबकि आखिरी सोमवारी 28 अगस्त को है. 30 अगस्त को श्रवण मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि यानी की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ है, इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार इसी दिन मनाया जाएगा.

पहला सोमवार: 10 जुलाई

दूसरा सोमवार: 17 जुलाई

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तीसरा सोमवार: 24 जुलाई

चौथा सोमवार: 31 जुलाई

पांचवा सोमवार: 7 अगस्त

छठा सोमवार: 14 अगस्त

सातवां सोमवार: 21 अगस्त

आठवां सोमवार: 28 अगस्त

29 को हरिशयनी एकादशी, मांगलिक कार्य हो जायेगा निषेध

29 जून को हरि शयनी एकादशी होगी. जून में विवाह, नवीन व्यापार आरंभ, सर्वदेव प्रतिष्ठा पूजन, कर्णवेध मुहूर्त, उपनयन, वर वर्ण, कन्या वरन मुहूर्त, वाहन खरीदने या प्रॉपर्टी खरीदने के कुछ शुभ मुहूर्त हैं. इस बार चातुर्मास पांच महीने का है, इसलिए पांच माह तक कोई मांगलिक कार्य नहीं हो पायेगा. देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का प्रारंभ होता है. इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून को है. इस दिन से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, लेकिन इस साल चातुर्मास के दौरान अधिमास है, जिससे पांच माह के लिए चातुर्मास होगा. भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी को योग निद्रा से बाहर आयेंगे, तब चातुर्मास का समापन होगा. वउठनी एकादशी 23 नवंबर को है. इस तरह से चातुर्मास 29 जून से लगेगा और 23 नवंबर को खत्म हो जायेगा.