नवगछिया : पति के दीर्घायु के लिए तीज व संतान के दीर्घायु व मंगल कामना के लिए चौठचंद्र व्रत एक ही दिन सोमवार को है. इसको लेकर बाजार सजने लगा है. पंडित दयानंद पाण्डेय  ने बताया कि गणेश चतुर्थी व्रत को चौठचंद्र भी कहते हैं. दोनों सोमवार को ही मनाया जायेगा. सुहागिन महिला तीज व्रत पर पति के लंबी व दीर्घायु जीवन की कामना करती है.

महिलाएं 24 घंटे का निर्जला व्रत रखेगी. पारण मंगलवार को होगा. प्राचीन समय से ही इस व्रत को करने की परंपरा रही है. त्रेता काल में भी सुहागिन महिलाओं द्वारा व्रत को किये जाने की है. जिसको लेकर महिलाएं खासकर नवविवाहिता इस पर्व को पूरे श्रद्धा भाव से करती हैं. सुख, समृद्धि व पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं व्रत को कर भगवान शिव व मां पार्वती से आशीर्वाद मांगती है.
गणेश चतुर्थी में खाली हाथ नहीं करें चंद्र दर्शन

गणेश चतुर्थी व्रत को चौठचंद्र भी कहते हैं. जो सोमवार को मनाया जायेगा. महिलाएं प्रात: से संध्या तक बिना पानी के व्रत करती है और विघ्न-विनाशक भगवान गणेश की आराधना कर संतान के दीर्घ जीवन की कामना करती हैं. संध्या में चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देकर प्रसाद ग्रहण करती हैं. पंडित दयानंद पाण्डेय ने कहा कि जो महिलाएं निर्जला उपवास कर विधि-विधान के साथ व्रत रखती है.

उसके संतान की असमय मृत्यु नहीं होती है. चंद्रमा व गणेश में विशेष संबंध है. इस कारण व्रत में चंद्र दर्शन की विशेष महत्ता होती है. रात में विभिन्न प्रकार के फल व पकवान से केला पत्ता पर भोग लगाया जाता है, जिसे (अघौर) कहते हैं. शालीग्राम झा ने बताया कि चौठचंद्र में खाली हाथ चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए. व्रत के बाद किसी भोग लगाये वस्तु को लेकर ही चंद्र दर्शन करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है.

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