दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ फिर से एक नया फतवा जारी किया है. मुफ्ती इशरार गौरा ने हाथों में नेल पॉलिश लगाने को गैर इस्लामिक करार देते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं को इसे नहीं लगाना चाहिए. मुफ्ती ने नेल पॉलिश की बजाए नाखून पर मेहंदी लगाने का फरमान सुनाया है.

इससे पहले भी दारुल उलूम मुस्लिम महिलाओं के लिए कई फतवे जारी कर चुका है. हाल ही में मुस्लिम महिलाओं के आईब्रो बनवाने को लेकर भी फतवा जारी किया गया था. इसमें मुस्लिम महिलाओं के आईब्रो बनवाने या फिर बाल कटवाने को गैर इस्लामिक कहा गया था. इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी महिलाओं के फोटो डालने को गैर इस्लामिक करार दिया गया था.

इससे पहले दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं का बाजारों में जाकर या कहीं भी गैर-महरम मर्दों से चूड़ियां पहनने को गलत करार दिया था. महिलाओं को चूड़ी पहनाने पर देवबंद के ही एक व्यक्ति ने दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से लिखित सवाल में पूछा था कि हमारे यहां आम तौर पर चूड़ियां बेचने और पहनाने का काम मर्द करते हैं. औरतों को चूड़ियां पहनने के लिए घर से निकलना पड़ता है और अपने हाथ गैर मर्दों के हाथों में देने पड़ते हैं. क्या इस तरह घर से निकलकर या घर में रहकर औरतों का गैर-मर्दों से चूड़ी पहनना जायज है?

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इस सवाल के जवाब में दारुल उलूम देवबंद के मुफ्तियों ने कहा था कि गैर-महरम मर्द का अजनबी औरतों का चूड़ी पहनाना नाजायज और गुनाह है, जिनसे खून का रिश्ता न हो. ऐसे मर्दों के हाथों से चूड़ी पहनने के लिए औरतों का बाहर निकलना भी मना है. फतवे में इसे गुनाह बताया गया है. दरअसल, इस्लामी शरीयत के मुताबिक, किसी मुस्लिम महिला को हर उस मर्द से पर्दा करना होता है, जिससे उसका खून का रिश्ता न हो. इसी दलील के आधार पर फतवा देने वाली बॉडी दारुल इफ्ता ने ये जवाब दिया था.