नेपाल की तराई और उत्तर बिहार में भारी वर्षा के कारण कोसी एवं बागमती नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है। नेपाल के जलाशय से लगातार पानी छोड़ने के बाद दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।

24 घंटे में जहां कोसी नदी के जलस्तर में 80 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है जबकि बागमती नदी के जलस्तर में 89 सेंमी की वृद्धि दर्ज की गई है। इस कारण चौथम के दियारा इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया है। चौथम प्रखंड कादियारा इलाका टापू में तब्दील होने लगा है। हजारों एकड़ में लगी फसलें डूबने लगी है।

बता दें कि चौथम प्रखंड के चार पंचायत पूर्ण रूपेण एवं तीन पंचायत का आंशिक भाग कोसी सहित बागमती नदियों से पूरी तरह से घिरा हुआ है। यहां हर वर्ष बाढ़ आती है। हर वर्ष तबाही का मंजर लाती है। बता दें कि अब दियारा इलाके के हजारों लोग अब पूर्णतः नावों पर निर्भर हो चुके हैं। घर से निकलने के साथ ही नावों की सवारी करनी पड़ रही है।

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चौथम-लालपुर सड़क पर पानी फैल गया है। जिस कारण आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। दूसरी ओर भरपुरा स्थित स्लुइस गेट से पानी का रिसाव शुरू गया था। हालांकि विभाग द्वारा उसे बंद कराया गया।

इधर चौथम सीओ दया शंकर तिवारी ने बताया कि अभी बाढ़ जैसे समस्या उत्पन्न नहीं हुई है। अभी नावों की आवश्यकता भी कहीं नहीं देखी गई है। वैसे 15 नावों को जगह जगह पर भेजा गया है। ।

पिछले 24 घंटे के अंदर कोसी नदी के जलस्तर में 80 सेमी, बागमती में 89 सेमी व बूढ़ी गंडक में 78 सेमी की वृद्धि हुई है। जलसंसाधन विभाग के जेई नवीन कुमार ने बताया कि कोसी खतरे के निशान से 1.29 मीटर व बागमती नदी 1.66 सेमी ऊपर बह रही है। जिले में अभी बाढ़ जैसे कोई समस्या हीं है।

हालांकि दियारा के निचले इलाकों में कोसी व बागमती नदी का पानी फैलने लगा है। अभी इस इलाके के सभी स्कूल खुले हुए हैं। अगर जलस्तर में लगातार वृद्धि होती रही तो इस इलाके के सभी स्कूलों को बंद करना पड़ जाएगा। तब लगभग 70 हजार की आबादी बाढ़ की पानी से घिर जाएगी। हालाँकि इलाके में हजारों एकड़ खेतों में लगी फसलें डूबने लगी है।