कटिहार। जिले के सरकारी अस्पतालों की जैसे मानवता मर गयी है। जिंदगी और मौत से जूझ रहा एक युवक यहां सदर अस्पताल में जमीन पर घंटो से लोहे के स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। सर फटने से युवक के सर से काफी खून निकल चुका है। लेकिन अस्पताल में उसे कोई हाथ नहीं लगा रहा।

बताया जाता हैं कि सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी युवक को जिले के फलका प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से एम्बुलेंस से बेहतर इलाज के लिए हाइयर सेंटर कटिहार सदर अस्पताल रेफर किया गया। पीड़ित की नाजुक हालात को देखते ही मौके पर मौजूद डॉक्टर ने इसका प्राथमिक इलाज करना छोड़ इसे दोबारा बेहतर इलाज के नाम पर हाइयर सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन घायल को हाइयर सेंटर ले जाने वाला कोई नही है क्योंकि उसके साथ उसका कोई अटेंडेंट नहीं था। लिहाजा सभी ने इसे यूं ही मरने के लिये छोड़ दिया। अटेंडेंट का अभाव बता डॉक्टरों ने एम्बुलेंस ड्राइवर पर मामला फेंक उसे जमीन पर ही मरने छोड़ दिया है।

एंबुलेंस चालक ओम प्रकाश ने बताया कि उसे केवल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से रेफर मरीजों को हाइयर सेंटर पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। वह किसी मरीज का अटेंडेंट नही बन सकता। डॉक्टर साहेब जबरन इसे मुद्दा बना इलाज नहीं कर रहे हैं।

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कटिहार सदर अस्पताल के डॉक्टर संतोष प्रकाश बताते हैं कि मरीज की हालात नाजुक है। इलाज की सख्त जरुरत हैं लेकिन अटेंडेंट के अभाव में पड़ा है। लोगों की माने तो कटिहार सदर अस्पताल में यदि कोई हादसे का शिकार मरीज पहुंच जायें तो उसके जीवन की मियाद केवल चंद घंटे है। यहां कोई इलाज नही होता।