आषाढ़ मास पुण्यफल प्राप्ति के लिए बेहद खास है। इस महीने में कई ऐसे व्रत और त्योहार पड़ते हैं जिसे पुण्य की प्राप्ति के लिए शुभ माना गया है। बूढ़ानाथ मान मंदिर के पंडित रमेश झा ने बताया कि इस माह की योगिनी एकादशी अत्यंत पुण्य फलदायी मानी गई है। आषाढ़ मास की अमावस्या को पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए खास माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और पितृ देव के निमित्त तर्पण करने से पुण्य प्राप्त होता है।

दो माह में होने वाले ये हैं महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार

29 जून : योगिनी एकादशी योगिनी एकादशी व्रत को पुण्य प्राप्ति के लिए बेहद खास मान जाता है। यह व्रत एकादशी तिथि से पहले सूर्योदय से लेकर अगले सूर्योदय तक रखा जाता है।

30 जून : गणेश चतुर्थी हिन्दू पंचांग के मुताबिक गणेश चतुर्थी का व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इसमें भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है।

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02जुलाई:आषाढ़ अमावस्या यह आषाढ़ मास की अमावस्या को पड़ता है। इसे पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए बेहद खास मान गया है। इस दिन स्नान, दान और पितृ तर्पण का खास महत्व है।

03 जुलाई: गुप्त नवरात्रि प्रारंभ- साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है। जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि का खास महत्व है। गुप्त नवरात्रि तांत्रिक कार्यों के लिए अत्यंत खास मानी जाती है। इस दौरान तांत्रिक सिद्धि के लिए अनुष्ठान करते हैं।

04 जुलाई : भगवान जगन्नाथ रथयात्रा- जगन्नाथ रथयात्रा देश के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से निकाली जाती है। रथयात्रा में देश-विदेश से श्रद्धालु भाग लेते हैं। रथ्यात्रा दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

15 जुलाई : कोकिला व्रत- शिव पुराण के अनुसार इस व्रत को माता पार्वती ने पति के रूप में शिव को पाने के लिए किया था। कहते हैं कि इस व्रत को करने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है।

12 जुलाई : देवशयनी एकादशी- धर्म ग्रन्थों के अनुसार देवशयनी एकादशी को बेहद खास माना गया है। मान्यता है कि इस दिन से भगवान श्रीहरि चार महीने के लिए शयन के लिए चले जाते हैं।

14 जुलाई : प्रदोष व्रत प्रदोष व्रत को भगवान शिव और पार्वती को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास माना गया है। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है।
16 जुलाई : गुरु पूर्णिमा- गुरु पूर्णमा के दिन गुरु की पूजा का विधान है। इस दिन गुरु की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। इस दिन महर्षि वेदव्यास की जयंती भी मनाई जाती है।

20 जुलाई : जया पार्वती व्रत- यह व्रत भगवान शिव और पार्वती को प्रसन्न कर मनचाहा वरदान प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

21 जुलाई : संकष्टी चतुर्थी व्रत- यह व्रत आषाढ़ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है। संकटों से छुटकारा पाने के लिए यह व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से जीवन के सारे संकट खत्म हो जाते हैं।

28 जुलाई : वैष्णव एकादशी-वैष्णव एकादशी व्रत कामनाओं की पूर्ति के लिए बेहद खास माना गया है। मान्यता है कि व्रत से कामनाओं की पूर्ति होती है।