चन्द्र ग्रहण प्रारम्भ – ०१:३२:३५
चन्द्र ग्रहण समाप्त – ०४:२९:५०

स्थानीय ग्रहण की अवधि – ०२ घण्टे ५७ मिनट्स १४ सेकण्ड्स

उपच्छाया से पहला स्पर्श – ००:१४:४७
प्रच्छाया से पहला स्पर्श – ०१:३२:३५
परमग्रास चन्द्र ग्रहण – ०३:०१:१२
प्रच्छाया से अन्तिम स्पर्श – ०४:२९:५०
उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श – ०५:४७:३७

खण्डग्रास की अवधि – ०२ घण्टे ५७ मिनट्स १४ सेकण्ड्स
उपच्छाया की अवधि – ०५ घण्टे ३२ मिनट्स ४९ सेकण्ड्स

चन्द्र ग्रहण का परिमाण – ०.६५
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण का परिमाण – १.७०

आज रात चंद्र ग्रहण का नजारा दिखाई देगा. यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जिसे पूरे देश में देखा जा सकेगा. भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्‍त हो जाएगा. आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्‍वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते. यह चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा क्‍योंकि उस वक्‍त यहां रात होगी. चंद्र ग्रहण के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी है. हिन्‍दू मान्‍यताओं के अनुसार आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन ही आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्‍याख्‍याता महर्षि कृष्‍ण द्वैपायन व्‍यास यानी कि महर्षि वेद व्‍यास का जन्‍म हुआ था. ग्रहण की वजह से सूतक काल से पहले ही गुरु पूर्णिमा की पूजा कर ली जाएगी. आपको बता दें कि 16 जुलाई को लगने वाले आंशिक चंद्र ग्रहण बाद फिर 2019 का आखिरी ग्रहण और तीसरा सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को होगा, जिसे भारत में देखा जा सकेगा. 26 दिसंबर को वलयकार सूर्य ग्रहण होगा.

क्या होता है आंशिक चंद्र ग्रहण?

आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूरज और चांद के बीच पृथ्‍वी घूमते हुए आती है, लेकिन वे तीनों एक सीधी लाइन में नहीं होते. ऐसी स्थिति में चांद की छोटी सी सतह पर पृथ्‍वी के बीच के हिस्‍से की छाया पड़ती है, जिसे अंब्र कहते हैं. चांद के बाकी हिस्‍से में पृथ्‍वी के बाहरी हिस्‍से की छाया पड़ती है, जिसे पिनम्‍ब्र कहते हैं. इस दौरान चांद के एक बड़े हिस्‍से में हमें पृथ्‍वी की छाया नजर आने लगती है.

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किस समय दिखेगा आंशिक चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण कुल 2 घंटे 59 मिनट का होगा. भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्‍त हो जाएगा. इस दिन चंद्रमा पूरे देश में शाम 6 बजे से 7 बजकर 45 मिनट तक उदित हो जाएगा इसलिए देश भर में इसे देखा जा सकेगा.

इस ग्रहण को कैसे देख सकते हैं?

चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष सावधानी की जरूरत नहीं होती है. चंद्र ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित होता है इसलिए आप इसे नंगी आंखों से देख सकते हैं. अगर आप टेलिस्‍कोप की मदद से चंद्र ग्रहण देखेंगे तो आपको बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा.
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ग्रहण का सूतक काल कब लगेगा?

शास्‍त्रों के नियम के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है. तो इस हिसाब से सूतक 16 जुलाई को शाम 4 बजकर 31 मिनट से ही शुरू हो जाएगा. ऐसे में सूतक काल शुरू होने से पहले गुरु पूर्णिमा की पूजा विधिवत् कर लें. सूतक काल के दौरान पूजा नहीं की जाती है. सूतक काल लगते ही मंदिरों के कपाट भी बंद हो जाएंगे.

ग्रहण काल आरंभ: 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट
ग्रहण काल का मध्‍य: 17 जुलाई की सुबह 3 बजकर 1 मिनट
ग्रहण का मोक्ष यानी कि समापन: 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट

ग्रहण के दुष्‍प्रभाव से बचने के लिए क्‍या उपाय करें?

वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्‍यताओं में ग्रहण का विशेष महत्‍व है. ग्रहण काल को अशुभ माना गया है. सूतक की वजह से इस दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है. धार्मिक मान्‍यताओं में विश्‍वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्‍त शिव चालिसा का पाठ कर सकते हैं. साथ ही ग्रहण खत्‍म होने के बाद नहाकर गंगा जल से घर का शुद्धिकरण किया जाता है. फिर पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा देने का विधान है.

मेष राशि-
मेष राशि से नवम भाव में चंद्र ग्रहण आपके पिता के स्वास्थ्य में कुछ उतार-चढ़ाव ला सकता है और आपकी तबीयत में भी कुछ गड़बड़ी हो सकती है. आपके कार्यों में देरी हो सकती है.
उपाय- सभी लोग योग और पूजा पाठ का सहारा ले नमः शिवाय मंत्र का जप करें.

वृषभ राशि-
वृषभ राशि से अष्टम भाव में यह चंद्रग्रहण आपके ससुराल पक्ष से आपकी बात बिगड़वा सकता है. अचानक कोई दुर्घटना घट सकती है.
उपाय- इस तरह की टेंशन से बचने के लिए पंचाक्षरी स्तोत्र का पाठ तथा ॐ नमः शिवाय मन्त्र का 3 माला जाप करें.

मिथुन राशि-
मिथुन राशि से सप्तम भाव में चंद्र ग्रहण आपके दांपत्य जीवन के अंदर कटुता लाएगा और जीवनसाथी से वाद विवाद को बढ़ा सकता है.
उपाय- वाद विवाद को खत्म करने के लिए जीवन साथी के साथ शिव परिवार की पूजा करें और शिवाष्टक का पाठ करें.

कर्क राशि-
कर्क राशि से छठे भाव में यह चंद्रग्रहण कठिनाइयों के साथ-साथ रोग और ऋण को बढ़ा सकता है. किसी अपने से अकारण शत्रुता हो सकती है.
उपाय- शिवलिंग पर दाएं हाथ से शहद चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. अपनी माता के चरण स्पर्श करें.

सिंह राशि-
सिंह राशि से पंचम भाव में यह चंद्र ग्रहण आपकी संतान के साथ साथ आपकी पेट की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. आपके प्रेम संबंधों में दरार आ सकती है.
उपाय- इन सभी समस्याओं से निबटने के लिए भगवान शिव शंकर की पूजा करें और अपने घर की उत्तर पूरब दिशा को हमेशा साफ रखें.

कन्या राशि-
कन्या राशि से चतुर्थ भाव में चंद्र ग्रहण आपकी माता की सेहत खराब कर सकता है या फिर वाहन दुर्घटना करवा सकता है.
उपाय-सभी लोग ॐ सोम सोमाय नमः मन्त्र 3 माला जाप करें तथा मन मे चिंता न आने दें.

तुला राशि-
तुला राशि से तीसरे भाव में चंद्र ग्रहण छोटे भाई बहनों से वाद विवाद करवा सकता है तथा चोट भी लगवा सकता है.
उपाय- सभी लोग सफेद चीजों का दान करें जैसे सफेद कपड़ा चावल आदि.

वृश्चिक राशि-
वृश्चिक राशि से दूसरे भाव में चंद्र ग्रहण परिवार में अकारण कलह क्लेश करवा सकता है. दूषित खाना आपको बीमार बना सकता है.
उपाय- सभी लोग मिलजुलकर कच्चे दूध से रुद्राभिषेक अवश्य करवाएं, शुद्ध भोजन ही करें.

धनु राशि-
धनु राशि में चंद्र ग्रहण होने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है तथा दांपत्य जीवन में खटास आ सकती है.
उपाय- चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा और भगवान विष्णु के मंत्र जाप करें तथा ॐ मन्त्र 108 बार जपें.

मकर राशि-
मकर राशि में 12 वें घर में चंद्र ग्रहण होने से खर्च बहुत ज्यादा बढ़ सकता है तथा आखों की समस्या बढ़ सकती है.
उपाय- जरूरतमंद लोगों को दवा वस्त्र का दान करें और नमः शिवाय मंत्र का ग्रहण काल मे जाप करें.

कुंभ राशि-
कुंभ राशि से 11 वें घर में चंद्र ग्रहण होने से कहीं ना कहीं लाभ में कमी आ सकती है या फिर कार्यों में देरी हो सकती है.
उपाय- इस कमी को दूर करने के लिए शिवलिंग पर कच्चे दूध से अभिषेक करें.

मीन राशि-
मीन राशि से दशम भाव में यह चंद्रग्रहण आपके कैरियर में बदलाव ला सकता है.
उपाय-इस बदलाव को शुभता में बदलने के लिए सफेद चीजों के दान के साथ चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें और अपनी माता को कोई सफेद चीज उपहार में दे.