अररिया जोकीहाट सड़क के दोनों और समंदर सा दृश्य है। भंगिया टोला और उत्तर टोला के करीब 200 घर जलमग्न हैं। सड़कें ही इन लोगों का चार दिनों से आशियाना है। तारण बलुआ जाने वाली सड़क कट गई है। एक नाव है।

लेकिन उसे चलाने वाला कोई नहीं है। स्थानीय लोगों ने बांस का पुल बनाया हुआ है उसी के सहारे मुख्य मार्ग पर जा रहे हैं। बोरिया पुल ध्वस्त हो गया है। फेटकी चौक की पास कोई रास्ता नहीं है। दो पोल को पुल बनाकर जान जोखिम में डालकर लोग पार कर रहे हैं।

रास्ते में जोकीहाट क्षेत्र संख्या 14 की जिप सदस्य गुलशन आरा मिल गईं। उन्होंने सरकार व्यवस्था के प्रति नाराजगी दिखाई। वो बाढ़ पीड़ितों का हाल ले रही थी। तरण पंचायत का बुरा हाल है। तारण पंचायत के मुखिया मो मिराज आलम एसबीआई के ग्राहक सेवा केंद्र में बाढ़ पीड़ितों के बीच प्लास्टिक बांट रहे थे। लोगों की भीड़ देखकर आक्रोश में थे। कहा सीओ ने 400 प्लास्टिक सीट दी है। जरूरत 4000 की है। इससे अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

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वहीं अररिया नगर परिषद वार्ड 29 में प्रवेश का रास्ता बंद हो चुका है। एक नाव मिला है। लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। जहां तहां लोग केले के थम का सहारा लेकर इधर से उधर पार कर रहे हैं। इस क्षेत्र में परमान नदी ने कहर बरपाया है।