शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों, अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के मानदेय बढ़ोतरी, नियुक्ति के लिए गठित होनेवाली चयन समिति की संरचना में संशोधन और उनकी नियुक्ति संबंधी सेवा शर्त में संशोधन का नोटिफिकेशन मंगलवार को जारी कर दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा इनकी नियुक्ति के लिए चयन समिति की संरचना में संशोधन किया गया है।

विश्वविद्यालय के कुलपति होंगे चयन समिति के अध्यक्ष

अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति विश्वविद्यालय द्वारा गठित समिति करेगी। समिति में विश्वविद्यालय के कुलपति अध्यक्ष होंगे। एक सदस्य कुलपति द्वारा नामित और संबंधित विषय के विशेषज्ञ होंगे। दूसरे सदस्य होंगे संबंधित संकाय के संकायाध्यक्ष, तीसरे सदस्य संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष होंगे। चौथे सदस्य अनुसूचित जाति / जनजाति / अत्यंत पिछड़ा वर्ग / महिला / दिव्यांग / श्रेणी के शिक्षाविद होंगे। अतिथि शिक्षक की नियुक्ति 11 माह के लिए की जा सकेगी। पुनः उनके कार्य निष्पादन मूल्यांकन के आधार पर अगले 11 माह के लिए चयन समिति सेवा नवीकृत करेगी।

मानदेय में बढ़ोतरी कर प्रतिमाह अधिकतम 50 हजार रुपए निर्धारित

राज्य में 13 परंपरागत विश्वविद्यालय स्थापित हैं। इन विश्वविद्यालयों और उनके अधीनस्थ अंगीभूत कॉलोजों में अभी सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर विभागीय संकल्प संख्या-1594 दिनांक 20 अगस्त 2014 की सेवा शर्तों के अनुसार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति विश्वविद्यालयों द्वारा की जा रही है। अब UGC के 28 जनवरी 2019 के पत्र द्वारा विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी करते हुए उसे प्रति लेक्चर 1500 रुपए और प्रतिमाह अधिकतम 50 हजार रुपए निर्धारित किया है।

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कहां नियुक्ति हो चुकी है और कहां की जानी है

बिहार में अब तक वीर कुंवर सिंह विवि, पटना विवि, जेपी विवि, ललित नारायण मिथिला विवि, कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विवि, तिलकामांझी भागलपुर विवि, बी.एन. मंडल विवि में अतिथि शिक्षक बहाल किए जा चुके हैं। पाटलिपुत्रा विवि में इसके लिए इंटरव्यू लिया गया था लेकिन उसे रद्द किया जा चुका है। इसलिए यहां अतिथि शिक्षक बहाल करने के लिए फिर से प्रक्रिया चल रही है। मगध विवि और मगध विवि में अभी तक अतिथि शिक्षक बहाल नहीं किए गए हैं।