हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी पड़ती है। इस वर्ष यह 11 दिसंबर को है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से पूर्वजन्म के साथ इस जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि इस दिन देवी एकादशी ने राक्षस मुर का वध किया था। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है उसके पूर्वजन्म और वर्तमान दोनों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।

अगर कोई व्यक्ति एकादशी व्रत शुरू करना चाहते हैं तो उत्पन्ना एकादशी से शुरू कर सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में 24 एकादशी आती हैं। इसी तरह एक महीने में दो एकादशी पड़ती हैं। यह सभी एकादशी भगवान श्रीहरि और श्रीकृष्ण को समर्पित होती हैं। मान्यता है कि एकादशी का पर्व भगवान श्री कृष्ण और एकादशी माता की राक्षसों के ऊपर जीत की खुशी में मनाया जाता है।

मोक्षदा एकादशी 25 को

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी मोक्षदा एकादशी के रुप में मनाई जाती है। इस बार मोक्षदा एकादशी 25 दिसंबर को मनाई जाएगी। मोक्षदा एकादशी को दक्षिण भारत में वैकुण्ठ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के प्रारम्भ होने से पूर्व अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

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इस दिन श्री कृष्ण व गीता का पूजन शुभ फलदायक होता है। यह एकादशी मोक्षदा के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान श्री दामोदर की पूजा, धूप, दीप नैवेद्य आदि से भक्ति पूर्वक करनी चाहिए। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी व्रत को करने से व्यक्ति के पूर्वज जो नरक में चले गये है, उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है।