नवगछिया – रंजीत मंडल अपनी दो बेटियों और एक भांजी की लाश देख कर स्तब्ध है. वह शांत है, उसकी आंखों से आंसू सूख गए हैं. रुंधे गले से वह कहता है. घर मे जश्न का माहौल था. 12 जुलाई को उसकी बड़ी बेटी रुचि की शादी थी. भागलपुर के ही किशनपुर में शादी तय हुआ था. लेकिन भगवान को उसके घर की खुशी मंजूर न थी. रंजीत ने कहा कि मेहनत मजदूरी से उनका परिवार चलता है. उनके टोले के लोग प्रतिदिन नाव से गंगा पार जा कर मवेशियों के लिये घास लाते हैं. लेकिन क्या पता था नाव डूब जाएगी. रंजीत कभी अपनी भांजी की लाश को देखता है तो कभी अपनी दोनों बेटियों की लाश को देखता है.

फिर रुंधे गले से बोल उठता है” गे बेटी एक बेर त पप्पा कही दे. इधर नौका हादसा के समय गंगा घाट पर चीख पुकार से स्थिति हृदय विदारक थी. सात लोगों में एक एक कर सबों को बाहर निकाला गया था. जो जीवित थे उनके लिये इलाज की किसी प्रकार की व्यवस्था न थी. ग्रामीण स्तर से घाट पर ही तीन लोगों को अस्पताल ले जाया गया. जानकारी मिली है कि तीन लोग देर रात तक इलाजरत थे. हालांकि तीनों की जान खतरे से बाहर होने की बात कही जा रही है.

जिंदगी की तलाश में रोज लोग मौत से हो रहे रू ब रू

नवगछिया के लिये नौका हादसा आम है. लोग नदी पार नहीं जाएंगे तो आजीविका पर संकट उतपन्न हो जाएगा. जीवन बचाने के लिये नदिया पार जाना ही होगा. ऐसी स्थिति में लोग छोटे नावों के सहारे रोजाना लोग खुद को खतरे में डाल कर नदी पार कर रहे हैं.

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देर रात किया गया तीनों शवों का पोस्टमार्टम

नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में देर रात तीनों शवों का पोस्टमार्टम जिलाधिकारी के आदेश से किया गया है. नवगछिया अनुमंडल अस्पताल पहुंचे मुखिया रूपेश मंडल ने बिहपुर के थनाध्यक्ष और अंचलाधिकारी को मामले की सूचना दी. दोनों देर रात अस्पताल पहुंचे थे. रात हो जाने की वजह से जब अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया तो स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत के मुखिया रूपेश कुमार ने मामले की सूचना जिलाधिकारी को दी. जिलाधिकारी के निर्देश पर देर रात है तीनों शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया था.