नवगछिया डॉट कॉम : कहते तो हैं मैं हिंदू हूं, लेकिन कुछ ऐसी आधारभूत बातें हैं, जिससे आज आज की युवा पीढ़ी अनभिज्ञ है. आश्चर्य तो तब होता है जब हिंदुत्व के नाम पर लोग मारपीट करने को उतारू हो जाते हैं लेकिन हिंदू संस्कृति से संबंधित आधारभूत बातें उन्हें पता नहीं.
इतनी बातें तो हर हिंदू या हर भारतीय को आनी चाहिए. ये किसी धर्म का नहीं बल्कि भारतीयता का मामला है. जय हिंद…….

ईश्वर : एक

दो पक्ष : कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष

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तीन ऋण : देव ऋण, पित्रृ ऋण एवं ऋषि ऋण

चार युग : सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग एवं कलयुग

चार धाम : द्वारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम.

चार पीठ : शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रीधाम), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं ऋंगवेरपुर पीठ.

चार वेद : ऋग्वेद, अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद.

चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, बानप्रस्थ एवं संंन्यासचार.

अंतःकरणमन : बुद्धि, चित्त एवं अहंकार.

पंच गव्य : गाय का घी, दूध, दही, गोमूत्र एवं गोबर.

पंच देव : गणेश, विष्णु, शिव, देवी और सूर्य.

पंच तत्व : पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश.

छह दर्शन : वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग, पूर्व मिसांसा एवं दक्षिण मिसांसा.

सप्त ऋषि : विश्वामित्र, जमदाग्नि, भरद्वाज, गौतम, अत्री, वशिष्ठ और कश्यप.

सप्त पुरी : अयोध्या पुरी, मथुरा पुरी, माया पुरी ( हरिद्वार ), काशी, कांची (शिन कांची – विष्णु कांची), अवंतिका और द्वारिका पुरी.

आठ योगयम : नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि.

आठ लक्ष्मी : आग, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग एवं योग लक्ष्मी.

नव दुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री.

दस दिशाएं : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नेऋित्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश एवं पाताल.

ग्यारह अवतार : मत्स्य, कच्छप, बराह, नरसिंह, बामन, परशुराम, श्रीराम, कृष्ण, बलराम, बुद्ध एवं कल्कि.

बारह मास : चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अाषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अाश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फागुन.

बारह राशि : मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, ब्रश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ एवं मीन

बारह ज्योतिर्लिंग : सोमनाथ, मल्लिकर्जुना, महाकाल, ओमकालेश्वर, बैजनाथ, रामेश्वरम, विश्वनाथ, त्रयम्वाकेश्वर, केदारनाथ, घुष्नेश्वर, भीमाशंकर एवं नागेश्वर.

पंद्रह तिथियां : प्रतिपदा, द्वतीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा , अमावश्या.

स्म्रतियांं : मनु, विष्णु, अत्री, हारीत, याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम, आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति, पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष, शातातप, वशिष्ठ.