भगवान सत्यनारायण के समान ही अन्नतदेव भी भगवान विष्णु का ही नाम है। इस दिन सत्यनारायण भगवान का व्रत और कथा सुनी जाती है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अन्नत चतुर्दशी की पूजा होती है। इस बार अनंत चतुर्दशी गुरुवार 12 सितंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु की कथा कही और सुनी जाएगी। इस व्रत की पूजा दोपहर में की जाती है।

कुमकुम, केसर या हल्दी से रंगा हुआ कच्चे डोरे का चौदह गांठों का अनन्त बनाया जाता है। भगवान विष्णु का अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से पूजन किया जाता है। कथा के दौरान समुद्र मंथन किया जाता है जिसमें घी, दूध, मधु, शक्कर एवं दही देकर पंचामृत बनाकर उसमें शालीग्राम भगवान एवं डोरा डालकर डंटी वाला खीरा से समुद्र मंथन तीन बार करने पर अन्नत भगवान की प्राप्ति करने का विधान करता

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार पंडित ने बताया कि अन्नतदेव का ध्यान कर पुरुष दाहिनी एवं महिलाएं, युवतियां और बच्ची बांयी हाथ में डोरा बांधती है। यह डोरा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला तथा अन्नत फल देने वाला माना गया है। धन-पुत्रादि की कामना के लिए यह व्रत की जाती है। एक बार महाराज युधिष्ठिर ने राजसूर्य यज्ञ किया था।

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