फ्लाइंग या नॉन एटेंडिंग नामांकन लेने वाले स्कूलों पर अब कार्रवाई होगी। ऐसे स्कूल जो फ्लाइंग नामांकन लेकर बोर्ड को बदनाम कर रहे हैं, उनकी संबद्धता केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) रद्द करेगा।  बातचीत में सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ये न सोचे कि डी-एफिलिएट करने के बाद उन्हें दो साल तक मौके दिये जायेंगे। फ्लाइंग नामांकन के तहत पकड़े जाने वाले स्कूल की संबद्धता तुरंत खत्म होगी। इतना ही नहीं, 11वीं में जो छात्र फ्लाइंग नामांकन लेंगे, उनका भी दाखिला रद्द कर दिया जायेगा। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि फ्लाइंग नामांकन से छात्रों का ही नुकसान होता है।

सीबीएसई में नॉन एटेंडिंग और फ्लाइंग नामांकन का कोई नियम नहीं है। 2019 में केरल, हरियाणा, पंजाब के एक हजार से अधिक ऐसे नामांकन को बोर्ड ने रद्द कर दिया था। ये छात्र 2019 की बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे।

सभी सेक्शन की होगी जांच

सीबीएसई इस साल से नामांकन के डेटा की एनालाइसिस करेगा। स्कूल को जितने सेक्शन के लिए संबद्धता मिली है, उतना ही नामांकन लेना है। एक सेक्शन में 40 से 45 छात्र ही रहेंगे। इसमें शिक्षकों संख्या भी देखी जायेगी। स्कूल की संबद्धता के अनुसार, उनके सेक्शन वाइज विद्यार्थी की संख्या देखी जायेगी। इसके बाद जो भी छात्र रजिस्टर्ड होंगे, उन्हें बाहर किया जायेगा।

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तीन बार सूची की होगी जांच

11वीं में नामांकन लेने के बाद और 12वीं के परीक्षा फॉर्म भरने के बीच में तीन बार अब जांच होगी। स्कूल में कितने नामांकन हुए, 12वीं परीक्षा के लिए कितने रजिस्ट्रेशन हुए और परीक्षा फॉर्म कितने विद्यार्थियों ने भरे… इसकी जांच की जाएगी। इससे फ्लाइंग छात्रों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। ज्ञात हो कि 2019 की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 20 हजार छात्र फ्लाइंग रूप से शामिल हुए थे। इसमें करीब 14 हजार फेल हो गए थे।

क्या है फ्लाइंग नामांकन

छात्र स्कूल में नामांकन चाहते हैं पर क्लास नहीं करना चाहते। ऐसे छात्र सिर्फ 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। वे आईआईटी या मेडिकल की तैयारी करने के लिए कोचिंग क्लास करना चाहते हैं।