बैचलर इन एजुकेशन यानी बीएड कोर्स अगले साल से चार साल का हो जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। बता दें कि बीएड कोर्स अभी दो साल का होता है, जिसे ग्रैजुएशन के बाद किया जा सकता है।
स्टूडेंट को क्या होगा फायदा
यह नियम लागू होने से बीएड में सीधे 12वीं के बाद दाखिला लिया जा सकेगा। इससे स्टूडेंट्स का एक साल बचेगा। साथ ही ग्रैजुएशन और बीएड के लिए अगल-अलग फीस देने की जरूरत नहीं होगी। स्टूडेंट्स को बेहतर तरीके से टीचर ट्रेनिंग दी जा सकेगी। साथ ही खर्च बीएड करने में कम खर्च आएगा। अभी प्राइवेट कालेज से बीएड का कोर्स करने के लिए एक साल में औसतन 50 हजार रुपए लगती है। ऐसे में एक साल कम होने पर 50 हजार रुपए की बचत हो सकेगी।
तीन स्ट्रीम से कर सकेंगे बीएड
जावड़ेकर ने कहा, ‘हम अगले साल से चार सालों को इंटिग्रेडिट कोर्स लांच करने वाले हैं। पढ़ाई की गुणवत्ता नीचे गिर गई है क्योंकि यह उम्मीदवारों के लिए आखिरी विकल्प होता है। इसे पहला विकल्प होना चाहिए। यह प्रोफेशनल पसंद होनी चाहिए न कि बची हुई। बीएड कोर्स, एक साल से ज्यादा साल के लिए तीन स्ट्रीम- बीए, बीकॉम और बीएससी में किया जाएगा।