मौनसूनी बारिश के बाद कोसी के जलस्तर में वृद्धि होते ही तटवर्ती इलाकों में कटाव शुरू हो गया है। चार दिन पहले बिहपुर प्रखंड के कहारपुर गांव में जहां कटाव हो रहा था तो अब पिछले तीन दिन से इसी प्रखंड के गोविंदपुर में भीषण कटाव शुरू हो गया है। रविवार को गांव के 12 लोगों के घर एक-एक कर नदी में समा गए। वहीं पिछले तीन दिन में गांव के 34 घर नदी में विलीन हो चुके हैं। करीब 50 घर के इस गांव में अब सिर्फ 16 घर ही बचे हैं। इनके अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। रविवार को शंभु ऋषिदेव, बिरन ऋषिदेव, रिंकू देवी, गणेश ऋषिदेव, नकुल ऋषिदेव, भकुल ऋषिदेव, बैजू ऋषिदेव, योगेन्द्र ऋषिदेव, दिलीप ऋषिदेव, रंजीत ऋषिदेव, दिवाकर ऋषिदेव व एक अन्य ग्रामीण का घर कटाव की भेंट चढ़ गए।

भीषण कटाव को देख ग्रामीणों में दहशत है। कई लोग अपने घरों को उजाड़कर सामान के साथ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं। वहीं कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने अब तक कोई पहल नहीं की है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि सूचना के बावजूद अब तक कोई अधिकारी देखने नहीं आया है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर कटाव की यही रफ्तार रही तो जल्द ही गांव का अस्तित्व मिट जाएगा। कटाव के मुहाने से मात्र 10 मीटर की दूरी पर मध्य विद्यालय गोविंदपुर पर भी संकट छाया है। ग्रामीणों की मानें तो विद्यालय का भवन कभी भी नदी में विलीन हो सकता है। स्कूल के शिक्षक मौके पर पहुंच स्कूल के सामान को निकालने में जुटे हैं।

मदरौनी में कटाव रोकने में जुटा विभाग

रंगरा| मदरौनी तटबंध पर हो रहे कोसी नदी की कटाव को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की टीम जुटी हुई है। 4 करोड की लागत से जियो बैग पिचिंग के 500 मीटर में बह जाने के बाद ध्वस्त भाग को रिस्टोर किया जा रहा है। कटाव को रोकने के लिए स्थानीय दो ठेकेदारों को लगाया गया है। कटावस्थल पर बंबू रोल डाला जा रहा है। वहीं प्रशासन भी अलर्ट मोड में है।

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गांव से एक किमी. दूर बांध पर तंबू में विस्थापितों ने ली शरण

जिन लोगों के घर कटाव की भेंट चढ़ चुका है, वे गांव से एक किलोमीटर दूर ऊंचे बांध पर पॉलिथीन टांग कर जिंदगी गुजार रहे हैं। ग्रामीण महेन्द्र ऋषिदेव, कारू ऋषिदेव ने बताया कि पहले कोरोना की वजह से काम-धंधा बंद हो गया जिससे भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके थे। अब रही-सही कसर कोसी पूरी कर रही है। हम तीन दिन से बांध पर शरण लिए हैं। खाने-पीने का सामान भी अब खत्म होने वाला है। हम महादलितों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। चुनाव के समय नेता आते हैं और बड़े-बड़े वादे करते है। वहीं सीओ बलराम प्रसाद ने बताया कि सोमवार को कटाव का जायजा लेने के बाद वरीय अफसरों को इससे अवगत कराया जाएगा