नवगछिया : तुलसी जयंती पखवारा के अन्तर्गत खरीक के तेलघी गांव के काली मंदिर में परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सानिध्य में तुलसी जयंती समारोह का आयोजन किया गया. आयोजन में अतिथि के रूप में आमोद कुमार मिश्र, कवि मुरारी मिश्र, कवींद्र मिश्रा मौजूद थे. कार्यक्रम में भारतीय सेना से अवकाश प्राप्त स्व भारती भूषण मिश्र और क्षेत्र के अन्य दिवंगत लोगों के प्रति श्रद्धांजली दी गयी और शोक संवेदना भी व्यक्त किया गया.
इस अवसर पर परमहंस स्वमी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि अध्यात्म, श्रद्धा और विश्वास भारत की आत्मा है. बाबा ने कहा कि आज की पीढ़ी हमारे महापुरूषों को भूलते जा रही है. महर्षि वेदव्यास, गौस्वामी तुलसीदास, स्वामी विवेकानंद जैसे ऋषि रचनाकारों की जयंति राजकीय और राष्ट्रीय स्पर पर मनायी जानी चाहिए. ऐसे व्यक्ति जो अपना घर अपनी झोपड़ी बनाने में जो कुछ भी अर्थ व्यय करते हैं,
उसमें थोड़ा सा अर्थ व्यय रामचरित जैसे ग्रंथों को खरीदने में करना चाहिए. रामचरित मानस के जरिये बच्चों को बताने की जरूरत है कि जय लोकनायक तुलसी की ही देन है जिससे हमारी भारतीयता, हमारी मानवता और हमारी ग्रामीण नगरीय सभ्यता बची हुई है. इस अवसर पर आये अतिथियों ने भी अपने उदगार के माध्यम से रामचरित मानस और तुलसी की वर्तमान जीवन में महत्ता पर सार गर्भित वातों से अवगत कराया.