पुलिस ने पटना के शिवपुरी इलाके में 2 सितंबर को हुई लूट का खुलासा कर दिया है। आरोपियों तक पहुंचने के लिए 36 घंटे तक पुलिस वाले स्टूडेंट बनकर एक लॉज में रुके रहे। आरोपियों ने महावीर ज्वेलर्स में हथियार के दम पर करीब 3 लाख रुपए की ज्वेलरी और 20 हजार रुपए कैश की लूट की थी। वारदात के 10वें दिन पटना पुलिस ने इस कांड का खुलासा कर दिया। SSP उपेंद्र कुमार शर्मा के खुलासे में सबसे चौंकाने वाली बात ये समाने आई कि लूट में शामिल 4 में से 3 आरोपी स्टूडेंट्स हैं। इसमें एक डी फार्मा तो दो लड़के इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे थे। तीनों ने अपने नवगछिया के दोस्त के साथ मिलकर इस लूट की वारदात को अंजाम दिया था।

वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने ऑनलाइन मूवी देखी जिससे लूट का आइडिया मिला। इसके बाद प्लानिंग सेट की। नवगछिया से अपने एक दोस्त को बुलाया। जो हथियार लेकर आया था। एक बाइक दूसरे से मांगी। ये कितने शातिर हैं, इस बात का अंदाजा सिर्फ इससे लगाया जा सकता है कि पुलिस को चकमा देने के लिए चलती बाइक पर ही कपड़ों को बदला। जिन कपड़ों को पहनकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। उसे भागने के दौरान एनर्जी पार्क के पास फेंक दिया था।

पूरी ज्वेलरी बरामद

वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने हाथों में सर्जिकल गल्व्स पहन रखे थे। जिससे FSL की टीम को फिंगर प्रिंट नहीं मिल पाए थे। इस केस में तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें शुभम कुमार, करण कुमार और आदित्य हर्षवर्द्धन शामिल हैं। जबकि, नवगछिया से आया इनका चौथा साथी आशीष फरार है। इन तीनों को पुनाइचक के एक लॉज से पकड़ा गया है। इनके पास से लूटी गई पूरी ज्वेलरी बरामद हो गई है। वारदात में इस्तेमाल की गई पिस्टल, दो मैग्जीन, 14 गोली और दो बाइक को भी बरामद किया गया है।

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36 घंटे तक स्टूडेंट बनकर लॉज में रही पुलिस टीम

रविवार को खुलासा करते हुए SSP ने बताया कि 7-8 सितंबर को ही इस कांड में पुलिस को लीड मिल गई थी। मगर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। दिक्कत अपराधियों की पहचान को लेकर थी। इतना पता चल गया था कि अपराधी पुनाईचक में अटलपथ से सटे एक लॉज में रहते हैं। फिर लॉज के मालिक के साथ सेटिंग की गई। पुलिस की टीम 36 घंटे तक 5 कमरों वाले लॉज में रही। अंदर ही अंदर छानबीन चलती रही। तब जाकर पहचान हुई। तीनों को वहां से गिरफ्तार किया गया।

संपन्न परिवार से हैं तीनों आरोपी

तीनों आरोपी शिवपुरी ईस्ट में कोचिंग में पढ़ते हैं। उसी दौरान रोड नंबर जीरो पर महावीर ज्वेलर्स की रेकी की थी। इसके बाद पुनाइचक की लॉज में रहने लगे। शुभम नवगछिया का तो करण और आदित्य भोजपुर के रहने वाला है। एक के पिता ठेकेदार, दूसरे के पिता FCI कर्मचारी, तीसरे के पिता बिल्डर हैं। शुभम कुमार और करण कुमार एक साथ लॉज में रहते हैं। जबकि, आदित्य पटना में गर्दनीबाग में साईं मंदिर के पास सुंदरी इन्क्लेव अपार्टमेंट में रहता है।

ज्वेलरी बेच नहीं पाए थे

ज्वेलरी शॉप के अंदर शुभम अपने फरार दोस्त आशीष के साथ गया था। जबकि करण और आदित्य बाइक लेकर बाहर खड़े थे। लूट के बाद दहशत फैलाने के लिए उस रात फायरिंग भी की थी। अगले दिन मीडिया में खबर आने के बाद ये डर गए थे। तीनों का ये पहला क्राइम था। इस कारण रुपए तो खर्च कर दिए, लेकिन ज्वेलरी को बेच नहीं पाए। 50 हजार में आशीष नवगछिया से ही दो पिस्टल खरीद कर लाया था। एक बरामद हो गई और दूसरी आशीष के पास है। जिसे पकड़ने के लिए छापेमारी चल रही है।