इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के दियारा में गंगा की कोख से निकली जमीन पर चरी और जलकर के लिए हुई वर्चस्व की लड़ाई में दर्जनों लाशें गिरती रही हैं। हर साल गंगा नदी में आई बाढ़ और कटाव से धारा बदलने के कारण नदी से जो जमीन बाहर निकलती है उस पर कब्जे के लिए दियारा में खूनी संघर्ष होता आ रहा है। अबतक दर्जनों लोग मौत के घाट उतार दिये गये। निर्दोष की खून से जमीन लाल होती है।

इस जमीन की पैमाइश नहीं होने के कारण दियारा में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ होती है। पुलिस भी इन अपराधियों के रहमोकरम पर जीती है। इसका परिणाम यह होता है कि हथियार के बल पर अपराधी सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्जा कर सोने की फसल उपजाते हैं। इसी फसल की कमाई से अपराधियों के ऐशो आराम का साधन और अत्याधुनिक हथियारों की खरीद होती है।

वर्चस्व की लड़ाई में 2007 में विनोवा में हुआ था नरसंहार

2007 में इस्माइलपुर के विनोवा में चरी विवाद को लेकर रामभज्जो मंडल और कांग्रेसी मंडल गिरोह के बीच हुई वर्चस्व की लड़ाई में नौ लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद अपराधियों द्वारा शवों को कुल्हाड़ी से काट कर बोरे में बंद कर गंगा किनारे फेंक दिया गया था। इस घटना की चर्चा राष्ट्र स्तर तक हुई थी।

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