शराब माफिया ने कोलकाता-पटना एक्सप्रेस में आरपीएफ की एस्कार्ट पार्टी के जवान को पिस्तौल सटा बाढ़ स्टेशन के पास ट्रेन से शराब की पूरी खेप उतार ली। इस दौरान करीब 38 मिनट तक ट्रेन शराब माफिया के कब्जे में रहा।

घटना शनिवार सुबह सात बजे की है। इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा आरपीएफ जवानों ने झाझा स्थित मुख्यालय लौटने के बाद किया। जवानों के इस खुलासे ने रेलवे से लेकर जिला पुलिस प्रशासन में खलबली मचा दी। रेलवे प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। सहायक सुरक्षा आयुक्त अमित गुंजन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि शराब माफिया के खिलाफ अभियान तेज किया जायेगा।

ट्रेन की एस्कॉर्ट पार्टी व क्रू स्टाफ के सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को पंडारक स्टेशन से कुछ आगे करीब मिनट भर के लिए चेन पुलिंग (एसीपी) की गयी थी। उसे दुरुस्त करने के बाद जब टे्रन बाढ़ स्टेशन के होम सिग्नल से दो-तीन खंभे पहले रेल किमी सं.478/25 पर पहुंची तो किसी ने फिर वैक्यूम कर दिया। बदमाश बार-बार ट्रेन को एसीपी कर दे रहे थे। इसी क्रम में ट्रेन से कई मुसाफिर भी नीचे उतर गए।

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एसीपी हुई तो ब्रेक वान से गार्ड एमपी सिंह तथा पीछे बोगी से जवान पप्पू कुमार उतरकर आगे बढ़े। इसी बीच देखा कि ट्रेन से चंद फर्लांग ही दूर एक ओर 20-25 लोग जमा थे जो मारो-मारो कह रहे थे। जवानों को मुसाफिरों ने चेताया कि आपलोग आगे न बढ़ें, माफिया हर दिन शराब लेकर उतरते हैं। काम में बाधा डालने पर हमला भी करते हैं। कहते हैं कि इसी बीच माफियाओं के जमावड़े के आगे लगी एसी बोगी से जवान पंकज कुमार भी उतरे जिस पर वे लोग हमला करने को तत्पर हुए। ऐसे में जान बचा जवान वापस बोगी में चढ़ गया था। पर,पीछे से माफिया गुट के लोग भी बोगी में चढ़ जवान की कनपटी से कट्टा सटा दिया।

बताया जाता है कि माफियाओं ने जवानों को एसीपी बनाने तथा मुसाफिरों को किसी तरह का वीडियो बनाने से मना कर दिया। ऐसा करने पर जान मार देने की धमकी दी थी