झारखंड के गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को कलाली कन्हवारा पुल का शिलान्यास किया। शिलान्यास कार्यक्रम में जब सांसद पहुंचे तो पार्टी कार्यकर्ता पवन शाह ने उनका न सिर्फ सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में पैर धोकर स्वागत किया, बल्कि चरणामृत मानकर उस पानी को पी भी लिया। सांसद ने इस तस्वीर को अपने फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए कार्यकर्ता की महानता की तारीफ कर दी। हालांकि जब इस तस्वीर पर लोगों की टिप्पणियां आनी शुरू हुईं, तो उन्होंने पैर धोने को आदिवासियों की पुरानी परंपरा कह अपना बचाव किया।

सांसद की तस्वीर पर मचा बवाल

पवन शाह की यह तस्वीर जब वायरल हुई तो बवाल मच गया। कई भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि पवन कार्यक्रम के दौरान पैर धोने की जिद करने लगा। सांसद ने उसे मना किया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। इसके बाद सांसद अपनी कुर्सी से उठे। पवन शाह ने उनका पैर धोया और मंच पर ही उसे पी गया। इसके बाद सांसद ने इस फोटो को अपने फेसबुक पेज पर भी अपलोड कर दिया।सफाई में बोले सांसद

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सोशल मीडिया पर पोस्ट की ये तस्वीर तेजी से वायरल होने लगी। लोगों की टिप्पणियां भी आने लगीं। कुछ लोगों ने इसे सांसद की लोकप्रियता की पराकाष्ठा बता दिया तो कुछ ने इसे सामंतवादी परंपरा करार दिया। विवाद बढ़ते देख सांसद ने फेसबुक पोस्ट को संशोधित किया। उसमें कहा कि झारखंड में आदिवासियों के बीच पैर धोने की पुरानी परंपरा है। कुछ लोग बेवजह इस मामले को तूल दे रहे हैं। दूसरी ओर झारखंड विकास मोर्चा के महासचिव व पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव ने इसे सामंती व्यवस्था का प्रतीक बताया है।