नवगछिया : इस बार सोमवार सात अगस्त को पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन चंद्रग्रहण में मनाया जाएगा। ऐसा संयोग 9 साल बाद बना है। रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण के साथ भद्रा का भी साया रहेगा।

जिसके कारण राखी बांधने का शुभ समय दो घंटे 47 मिनट तक ही होगा। पंडित अजीत पाण्डेय के अनुसार रक्षाबंधन पर सोमवार को ग्रहण रात्रि 10:33 बजे से शुरू होकर रात्रि 12:48 बजे तक रहेगा।

ग्रहण का सूतक काल दोपहर 1:40 बजे से शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार सूतक तथा भ्रदाकाल में राखी नहीं बांधी जाती है। दोपहर 1:40 बजे पर सूतक लग जाएगा और भद्रा काल सुबह 11:30 बजे दोपहर से 1:39 बजे के बीच का समय रक्षाबंधन के लिए सही समय माना गया है।
अंतिम सोमवारी को आयुष्मान योग भी बन रहा है। इस शुभ संयोग के समय बहनें अपने भाईयों के हाथों में रक्षा सूत्र बांधेगी। खास कर बहनें शुभ संयोग पर अत्यधिक महत्व देती हैं। हर साल इस तरह का संयोग नहीं आता।

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इस बार काफी समय के बाद यह संयोग बना है। सावन की अंतिम सोमवारी सात जुलाई को है। उस दिन रक्षाबंधन का पर्व और भगवान भोले का अभिषेक दोनों शुभकारी है।

रक्षाबंधन के दिन आयुष्मान योग और श्रवण नक्षत्र होने से रक्षाबंधन का विशेष महत्व है। अंतिम सोमवारी के दिन श्रवण नक्षत्र में भगवान शिव का अभिषेक करने जातकों के लिए बेहद शुभ है।

यह दिन काफी समय बाद आ रहा है। इस बार खास बात होने जा रही है कि सावन का समापन सोमवारी के साथ होगा। दिलचस्प है कि इसकी शुरुआत भी सोमवार से ही हुई थी।

सावन भगवान शिव का माह माना जाता है और सोमवार से शुरू और अंत होने से खास हो गया है।