मध्य और दक्षिण बिहार के सात जिले के निवासियों के लिए मौसम विभाग का बड़ा अलर्ट है। इन जिलों में अगले दो से तीन घंटों में वज्रपात की आशंका है। इस दौरान हल्की बारिश के साथ 20-30 किमी की रफ़्तार से हवा भी चल सकती है। वज्रपात की आशंका वाले जिले हैं – अरवल, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, लखीसराय, गया और शेखपुरा। पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा अभी दोपहर बाद 3 बजे के बाद से अगले दो-तीन घंटों के लिए यह अलर्ट जारी किया गया है। अगर आप इन इलाकों में हैं तो तत्काल सावधान हो जाएं। इन इलाकों में रहने वाले अपने सगे -संबंधियों और जानने वालों को भी तत्काल सूचित करें।

भागलपुर और वाल्मिकीनगर में भी अधिकतम तापमान में आंशिक बढ़ोतरी हुई है। इधर देर शाम सुपौल व आसपास के जिलों में थंडरस्टॉर्म एक्टिविटी देखी गई। मौसम विभाग की ओर से आंधी पानी का ताजा अलर्ट जारी किया गया। यहा 30 से 40 किमी की तेज रफ्तार से हवा चली। इससे पहले शुक्रवार को दक्षिण बिहार में कुछ जगहों पर आंधी पानी का पूर्वानुमान जारी किया गया था लेकिन मौसमी सिस्टम इस तरह से विकसित न होने के कारण ऐसी संभावना कम है। अगले दो दिनों तक सूबे के मौसम में कोई खास बदलाव के आसार नहीं हैं।

ऐसा रहा प्रमुख शहरों का पारा

शहर अधिकतम न्यूनतम
पटना 39.6 25
गया 39.4 20.8
भागलपुर 36.7 24
पूर्णिया 32 24.5
वाल्मिकीनगर 38 22

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वज्रपात के अलर्ट को हल्के में ना लें

पिछले साल वज्रपात से बिहार में एक-एक दिन में 100-100 लोगों की जान गई थी। इसलिए, तत्काल चेतना होगा। खासकर, गांव-खलिहान और खुले रास्तों में रहने वालों को यह सूचना तत्काल पहुंचानी होगी। मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के अनुसार इस अवधि में तेज गरज के साथ बारिश भी हो सकती है।

बक्सर, भोजपुर, पटना में हल्की बारिश का अलर्ट

बिहार की राजधानी पटना समेत तीन जिलों में इस दौरान हलकी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। पटना में आज शुक्रवार की सुबह से ही बादल छाए हैं। पटना के आसपास के जिलों नालंदा, भोजपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी में भी बादलों की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है।

गुरुवार को वैशाली में सर्द रहा मौसम, सुपौल में बारिश

वैशाली में गुरुवार की सुबह से कोहरे के साथ सर्द लहर चली। इससे चैत्र में भी पौष माह का एहसास हो गया। वहीं सुपौल के अधिकांश हिस्सों में गुरुवार को दिन भर बादल मंडराते रहे। देर शाम तेज हवा के साथ हलकी बारिश भी हुई। कुछ हिस्से में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। बादलों के कारण व्याप्त ऊमस से राहत तो मिली लेकिन बारिश और ओलावृष्टि से किसानों का बुरा हाल हो गया। गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।