14 फरवरी है यानी प्यार के इजहार (Valentines Day) करने का खास दिन. ऐसे में ‘लवगुरु’ मटुकनाथ और जूली (Matuknath and Julie) का नाम सबसे पहले जुबां पर आता है क्योंकि इस प्यार ने कभी हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया था. जहां न सिर्फ गुरु और शिष्या की परंपरा पीछे छूट गई थी बल्कि उम्र की दीवारें भी टूट गई थीं. लेकिन इस बेमेल मोहब्बत के किरदार और उनकी कहानियां अब कुछ और बयां कर रही है. जिसे सुनकर ना सिर्फ आप हैरान हो जाएंगे बल्कि इस प्रेमकथा (Love Story) को सुनकर आपको तरस भी आएगा और गुस्सा भी.

पांच साल से मटुकनाथ के साथ नहीं हैं जूली

इस वेलेंटाइन में भी ‘लवगुरु’ मटुकनाथ की वैलेंटाइन उनके साथ नहीं है पर इनके चेहरे पर इस बात का जरा भी मलाल नहीं. पिछले पांच साल से मटुकनाथ की प्रेमिका इनसे दूर है, लेकिन इन्होंने दुनिया को ये एहसास नहीं होने दिया कि इनकी राहें अब जुदा हैं.

जब शिष्या से हुआ था मटुकनाथ को प्रेम

उम्र का 67वां बसंत पार कर रहे ‘लवगुरु’ की लीला वर्ष 2006 में तब उजागर हुई थी जब वो पटना विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर पद पर कार्यरत थे और अपने से आधी उम्र की शिष्या से दिल लगा बैठे थे.

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परिवार-समाज से तोड़ लिया था नाताशिष्या जूली और मटुकनाथ की प्रेम लीला जग-जाहिर होते ही ये न सिर्फ राष्ट्रीय सुर्खियां बन गई थीं बल्कि परिवार से लेकर समाज तक में भी हंगामा बरपा था. जहां मटुकनाथ ने शिष्या से प्रेम करते ही अपने बसे-बसाए परिवार का साथ छोड़ दिया था. वहीं जूली के परिवारवालों ने भी उससे रिश्ते-नाते तोड़ लिए थे. यहां तक कि ‘लवगुरु’ के उपर सरेआम कालिख तक पोते गए थे और पटना विश्वविद्यालय ने इन्हें निलंबित तक कर दिया था. लेकिन वक्त के साथ अब मटुकनाथ और जूली की प्रेमकथा में काफी कुछ बदल चुका है.

जूली के बारे में सही बात क्यों नहीं बताते ‘लवगुरु’?

‘लवगुरु’ ने दुनिया को दिखाने के लिए आज भी घर में जूली की तस्वीरें लगा रखी है, और उन तस्वीरों को ये निहारते ही नहीं बल्कि जताते भी हैं कि जूली से आज भी ये उतना ही प्यार करते हैं जितना कि पहले करते थे. आप सोचेंगे कि आखिर मटुकनाथ की वेलेंटाइन यानी प्रेमिका जूली पिछले पांच वर्षों से कहां है और मटुकनाथ जूली का पता क्यों नहीं बताते हैं?

तो जानिये हकीकत है क्या?

वर्षों पहले साध्वी बनने निकली जूली अब सात समंदर पार है और उसकी हालत नाजुक है. जूली को अब मदद की दरकार भी है. दरअसल मटुकनाथ की जूली इस वक्त जिंदगी और मौत से जूझ रही है, तो मटुकनाथ आज भी बिंदास जिंदगी जी रहे हैं और प्यार का झूठा राग अलाप रहे हैं. ये बात हम नहीं कहते हैं बल्कि भोजपुरी गायिका देवी ने जूली का पता ढूंढ निकाला है और मटुकनाथ के चेहरे का नकाब भी उतार दिया है.

देवी ने उतारा झूठे प्रेम का नकाब!

देवी ने न्यूज़ 18 के माध्यम से खुलासा करते हुए कहा कि हाल ही में उन्हें अचानक एक परिचित का मैसेज आया जिसके द्वारा ये पता चला कि जूली इस वक्त वेस्टइंडीज के त्रिनिदाद में जिंदगी और मौत से जूझ रही है और कई महीनों से वो मानसिक रूप से बीमार है.

जूली को वापस नहीं लाना चाहते हैं मटुकनाथ!

देवी बताती हैं कि जूली की हालत का पता चलते ही उन्होंने जब उससे संपर्क साधा तो जूली ने तस्वीर भेजकर अपनी हालत से वाकिफ कराया और भारत लाकर इलाज कराने की गुहार लगाई. देवी का आरोप है कि पूरा वाकया समझते ही उन्होंने मटुकनाथ से संपर्क साधा, लेकिन मटुकनाथ ने जूली को भारत लाने से इनकार कर दिया और कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं.

मरनासन्न हालत में है जूली

देवी की मानें तो जूली अब बात करने लायक भी नहीं है और वेस्टइंडीज के एक साधु के माध्यम से अब जूली का समाचार पता चल पाता है. तस्वीरें देखकर आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि ये वही जूली है जिसे आपने कभी देखा था क्योंकि जूली अब मरनासन्न स्थिति में पहुंच गई है.

…तो टूट गया जूली-मटुकनाथ का रिश्ता!

अब मटुकनाथ के मदद करने से इनकार करने के बाद देवी ने ठान लिया है कि अपनी दोस्त जूली को हर हाल में भारत लाना है और इलाज करवाना है. जूली की मदद के लिए देवी ने पहले जूली के भाई को भी फोन किया, लेकिन भाई ने भी उनका आग्रह ये कहकर ठुकरा दिया कि उनका रिश्ता टूट चुका है. बहरहाल अब मानवता और दोस्ती का फर्ज अदा करते हुए देवी ने जूली की मदद के लिए सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है, वहीं विदेश मंत्रालय से भी गुहार लगाई है कि जूली को भारत लाकर उसकी जान बचाएं.

गायिका देवी ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है

देवी ने मटुकनाथ के प्रेम को झूठा और ढोंगी करार देते हुए कहा कि जिस लड़की ने इस प्रेम के खातिर सब कुछ त्याग दिया, उसे आज इस हालत में मटुकनाथ ने छोड़ दिया है.

‘लवगुरु’ ने दी ये झूठी सफाई

पूरे मामले की सच्चाई पता चलते ही जब न्यूज़ 18 ने ‘लवगुरु’ मटुकनाथ से पूछा तो उनका जवाब आया कि वो वर्ष 2004 से ही जूली से प्रेम कर रहे थे और 2006 में ये प्रेम जग-जाहिर हुआ. वो एक तरफ जूली से अथाह प्रेम का दावा भी कर रहे थे और अपने आपको भोगी करार देते हुए यह भी इच्छा जता रहे थे कि इनकी जिंदगी में जूली के अलावा कोई और भी प्रेमिका आए तो वो स्वीकार कर लेंगे.

सामने आया मटुकनाथ का निष्ठुर चेहरा

जूली कहां है? जब उनसे ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये सिर्फ मुझे पता है कि जूली कहां है. वहीं इन्होंने यह भी कहा कि आखिरी बार जूली से एक महीने पहले बात हुई थी. मटुकनाथ ने अपने प्रेम की तुलना कृष्ण और राधा से करते हुए कहा कि वो कृष्ण हैं तो जूली राधा है. यानी जूली बीमार है इस बात को मानने से भी ‘लवगुरु’ ने इनकार कर दिया. उन्होंने साफ कहा कि जूली मदद मांगेगी तब उसे विदेश से वापस लाने की सोचेंगे.