नवगछिया अनुमंडल में इन दिनों बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने आशंका है. इन दिनों इस तरह की घटनाएं एक के बाद एक सामने आ रही है. लेकिन पुलिस ऐसे मामले में कुछ भी कर पाने में असमर्थ हैं. ऐसे गिरोह के सदस्य ज्यादातर अबोध बच्चियों को अपना निशाना बनाते हैं. विगत एक वर्ष में कई ऐेसे मामले सामने आये हैं जिसमें कुछ हीं पुलिस के संज्ञान में तो अधिकांश मामले में पीड़ित रपट भी दर्ज नहीं करा पाये हैं.

केस स्टडी : एक

18 अपैल 2020 को इस्माइलपुर थाना क्षेत्र के मंजूला देवी और राजकुमार यादव की चार वर्षीय पुत्री श्रेयांसी कुमारी अपने घर के पास चौबोरे पर खेल रही थी. एक ब्लू रंग की बाइक पर सवार हो कर एक युवक आता है और पहले बच्ची को कुड़कुड़े नमकीन देकर दोस्ती बनाता और कहता है चालो तुम्हारा मामा आया. यह कह कर बच्ची को उठा कर अपने मोटरसाइकिल पर बैठा लेता है और भाग जाता है. साथ खेल रही बच्चियों ने जा कर तुरंत घटना की सूचना बच्ची की मां मंजूला देवी को देती है. मंजूला दौड़ कर चौबारे पर आती है तो उसने भी बाइक सवार को बच्ची को लेकर भागते देखा और वह बाईक के पीछे भागी भी लेकिन तक तक बाइक काफी दूर जा चुकी थी. मंजूला देवी पुलिस में गयी. शक के आधार पर कुछ ग्रामीणों को नामजद भी किया. पुलिस की ने कानूनी कार्रवाई की तो लेकिन बच्ची आज तक नहीं मिली है. मंजूला देवी और राजकुमार इन दिनों पुलिस पदाधिकारियों के दफ्तारों के चक्कर काट रहे हैं.

केस स्टडी : 02

यह कहानी इसी माह 18 दिसंबर 2020 की है. परवत्ता थाना क्षेत्र के जपतैली गांव की उषा कुमारी और बीरबल राम की महज तीन वर्षीय पुत्री सृष्टि कुमारी अपने घर के पास से ही रहस्यमय तरीके से गायब हो गयी. उषा कुमारी का कहना है कि वह सृष्टि के टीकाकरण का कार्ड लेने स्वास्थ्य उपकेंद्र गयी थी और अपनी तीन वर्षीय बच्ची को पड़ोस के ही कुछ बच्चों की निगरानी में खेलने छोड़ दिया था. जब लौट कर आयी तो सृष्टि गायब थी. बच्चों से पूछ ताछ की तो कुछ पता नहीं चला. दो दिनों तक खोज बीन करने के बाद जब बच्ची नहीं मिली तो वे लोग थाने गये और थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. परवत्ता थाना में अपरहण की प्राथमिकी दर्ज की गयी है लेकिन अभी तक बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

Whatsapp group Join

केस स्टडी तीन

कदवा ओपी थाना क्षेत्र के प्रासपुर में 22 दिसंबर को कुछ कथित मवेशी व्यवसायी आये. गांव के ही कनीक सिंह का पुत्र राजकुमार मध्य विद्यालय परिसर में खेल रहा था. दो कथित व्यवसायीयों ने राजकुमार को बहला फुसला कर अपनी गाड़ी में बैठा लिया और मधेपुरा के किसी अज्ञात स्थान पर उसे कहा कि अब तुम यहीं रहो. काम धंधा करो, पैसे भी देंगे और अच्छा खाना भी. लेकिन बालक होशियार था, वह अपहर्ताओं के चंगुल से किसी तरह से भाग कर मधेपुर के फूलपुर पहुंचा और वहां से किसी व्यक्ति की साहायता से अपने घर फोन किया. परिजनों ने फिर फूलपुर जा कर बच्चे को घर लाया. चूकि बच्चा बरामद हो गया इसलिए परिजनों ने पुलिस को सिर्फ मौखिक सूचना दी और पुलिस ने भी मामले को हल्के से लेते हुए ठंडे बस्ते में डाल दिया. हालांकि बालक के लापता होने का आवेदन परिजनों ने पुलिस को दिया था.

बच्चा चोर गिरोह का शेष भाग

नवगछिया एसडीपीओ दिलीप कुमार ने कहा कि पुलिस के संज्ञान में जो भी मामले में सबों में बच्चों के गायब होने की स्थिति अलग अलग है. पुलिस मामले में छानबीन कर रही है. जल्द ही उदभेदन कर लिया जायेगा.