नवगछिया अनुमंडल में एक भी निजी चिकित्सक और निजी अस्पताल के कर्मियों का वैक्सीनेशन पहले चरण में नहीं हो पाया। सरकार के निर्देश के अनुसार पहले स्वास्थ्य कर्मियों और उसके बाद फ्रंटलाइन वर्करों का वैक्सीनेशन किया जाना था। लेकिन निजी चिकित्सकों और अस्पतालों या क्लीनिकों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को छोड़ दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की इस बेरुखी से अनुमंडल के करीब 600 से अधिक निजी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी नाखुश हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ आरसी राय ने इस बाबत प्रधानमंत्री समेत स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिखा है।

नवगछिया के चिकित्सक डॉ अरुण राय ने कहा कि उन लोगों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करवाया था। बिहपुर के चिकित्सक डॉ गौतम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन लोगों को वैक्सीनेशन की कोई सूचना नहीं दी गई। जबकि कोरोना काल में उन लोगों ने सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए रोगियों को नियमित सेवा दी थी। डॉ दीपक कुमार और होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. अनंत विक्रम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।

सीएस बोले-रजिस्ट्रेशन नहीं कराने से वंचित रह गए निजी डॉक्टर

सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने कहा कि पोर्टल पर जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था उनका वैक्सीनेशन हो रहा है। नवगछिया वंचित डॉक्टर और कर्मियों ने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया होगा इसलिए उन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि नवगछिया के निजी चिकित्सकों स्वास्थ्य कर्मियों की सूची अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक को उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि भविष्य उन्हें टीका लगाया जा सके। वहीं अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र में काम करने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी वैक्सीनेशन करवाने की दिशा में पहल करेंगे।

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