पंचायत चुनाव के मैदान में उतरनेवाले प्रत्याशियों को आदर्श आचार संहिता पर विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता है. चुनाव लड़नेवाले प्रत्याशी अगर किसी व्यक्ति के घर के सामने घरेलू जीवन में दखल देने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन या धरना आयोजित करने पर धारा 143 के तहत प्राथमिकी दर्ज होगी. इसके लिए छह माह का कारावास भी हो सकता है.

आदर्श आचार संहिता के तहत कई निर्देश जारी किये गये हैं. इसके तहत किसी भी व्यक्ति के मकान के सामने उनके विचारों और कार्यों के विरोध में प्रदर्शन करने या धरना देने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए. पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को इस बात का ध्यान रखा जाना है जिसमें दूसरे प्रत्याशियों के कार्यकर्ताओं की निजी जीवन के किसी भी पहलू पर जिसका सार्वजनिक गतिविधि से कोई संबंध न हो तो टीका-टिप्पणी नहीं की जा सकती है.

मतदान की तैयारियां पूरी

इसकी अनुमति नहीं दी जायेगी. प्रत्याशियों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि किसी भी वर्ग, जाति या सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला कोई काम नहीं किया जाये. अगर ऐसा है तो यह प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता का मामला बन जायेगा.

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प्रत्याशियों को इस बात की भी ध्यान रखना है कि दूसरे प्रत्याशियों के द्वारा जारी किये गये पोस्टरों को न तो हटाया जा सकता है और नहीं उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ की जा सकती है. स्थायी व गतिशील वाहनों पर लगे लाउडस्पीकरों का प्रयोग सुबह छह से पहले और रात के 10 बजे के बाद नहीं करना है.