
पटना/नवगछिया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। पूर्व आईपीएस अधिकारी और ‘सुपर कॉप’ की छवि रखने वाले शिवदीप लांडे ने राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने 8 अक्टूबर को सोशल मीडिया लाइव के माध्यम से कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दो सीटों — अररिया और जमालपुर — से चुनाव लड़ेंगे।
लांडे ने कहा कि उनका उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि “सिस्टम को भीतर से सुधारना” और “ईमानदार राजनीति को विकल्प के रूप में पेश करना” है। उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि ईमानदार और राष्ट्रवादी सोच के लोग राजनीति में आएं। बाहर से आलोचना आसान है, लेकिन असली बदलाव भीतर से लाया जा सकता है।”
👮♂️ जनता के ‘सिंघम’ की नई राजनीतिक पारी
शिवदीप लांडे को बिहार में ‘सिंघम ऑफ बिहार’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मुंगेर, पटना और अररिया में अपने कार्यकाल के दौरान अपराध पर सख्त कार्रवाई कर जनता के बीच लोकप्रियता हासिल की।
सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर हैं और युवाओं में उनका प्रभाव काफी मजबूत माना जाता है। यही वजह है कि राजनीति में उतरने की उनकी घोषणा के बाद सीमांचल और मगध की राजनीति में नई हलचल मच गई है।
🗳️ दो सीटों पर नजर — अररिया और जमालपुर
लांडे ने कहा कि वे अररिया, जो उनका पैतृक जिला है, और जमालपुर, जहां उन्होंने बतौर पुलिस अधिकारी काम किया था, दोनों स्थानों से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
दोनों ही सीटों पर जातीय और सामाजिक समीकरण जटिल हैं, लेकिन लांडे को भरोसा है कि जनता इस बार जाति नहीं, ईमानदारी और सेवा भावना को चुनेगी।
⚙️ ‘हिंद सेना’ से रखी थी नींव
शिवदीप लांडे ने इसी साल अप्रैल में अपनी राजनीतिक पार्टी ‘हिंद सेना’ की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि यह संगठन मानवता, सामाजिक न्याय और राष्ट्र सेवा के मूल्यों पर आधारित होगा।
हालांकि संगठन अभी प्रारंभिक चरण में है, लेकिन दो सीटों से निर्दलीय उतरने का उनका फैसला उनके राजनीतिक इरादों को और स्पष्ट करता है।
📊 राजनीति में नया समीकरण
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लांडे की एंट्री से सीमांचल और मगध क्षेत्र में नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है।
युवाओं और मध्यमवर्गीय मतदाताओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पारंपरिक दलों की रणनीति पर भी असर पड़ सकता है।
📢 जनता में उत्साह
अररिया और जमालपुर में शिवदीप लांडे की घोषणा के बाद समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर “सिंघम आ रहा है” और “ईमानदारी की राजनीति” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
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