नवगछिया : गोपालपुर प्रखंड के तिरासी गांव में कारगिल युद्ध में शहीद हुए हवलदार रतन सिंह के पुत्र रूपेश कुमार सिंह पाकिस्तान के कायराना हमले से अपने देश के सैनिक हुए शहीद के बारे में बताया अगर हम भी अपने देश के लिए शहीद हो जाए तो मुझे गर्व भी होगा और अपने पिता का भी बदला लेने का मौका मिल जाएगा, लेकिन अभी हम शिक्षक है और अपने विद्यालय के बच्चों को ही देश भक्ति की भावना का अलख जगा रहे हैं.

बच्चों को बताते हैं आप ही देश का भविष्य है जब भी मौका मिले देश की कुर्बानी के लिए पीछे हटना नहीं है. वहीं दूसरा पुत्र मंजेश कुमार सिंह गैस एजेंसी पूर्णिया में चला रहे हैं. रतन सिंह के गांव के लोगों ने कहा कि हवलदार रतन की बहादुरी के कारण ही करगिल युद्ध में जुबार टॉप पर फतेह किया था. इस फतेह की कीमत भारतीय सेना को दो जवानों की कुर्बानी थी. शहीद होने वालों में हवलदार रतन एक थे.

पाकिस्तान और भारत के बीच हुए युद्ध की स्थिति को देखते हुए गांव वालों के बीच एक बार फिर से रतन सिंह की याद ताजा हो गयी है. गोपालपुर के ग्रामीणों का कहना है कि शहीद रतन की आत्मा आज भी भारतीय सेना के साथ है. ग्रामीणों की मान्यता है कि आज भी करगिल में जुबार टॉप पर शहीद रतन सिंह की आत्मा शरहद की रक्षा कर रही है.

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