इस बार नवरात्र 17 अक्टूबर से चित्रा नक्षत्र में शुरू हो रहा है। श्रद्धालुओं के लिए यह सुख व समृद्धि प्रदान करने वाला है। हालांकि घोड़ा पर भगवती के आने के कारण देश में राजनीतिक उथल-पुथल व सत्ता परिवर्तन का संयोग बन रहा है। वहीं भैंसा पर जाने के कारण बीमारी फैलाने की आशंका रहेगी। पंडितों के अनुसार इस बार पूरे नौ दिनों तक नवरात्र है। 17 अक्टूबर को पहले दिन अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.36 से दोपहर 12.24 मिनट में घट (कलश) की स्थापना का शुभ मुहूर्त है।

हालांकि प्रात: काल से संध्या काल से कलश की स्थापना घरों व विभिन्न मंदिरों में होगी। पंडित दयांनद पाण्डेय ने बताया कि नवरात्र में कलश स्थापना सुबह 8.16 से 10.31 बजे तक वृश्चिक लग्न मुहूर्त में, सुबह 11.36 से दोपहर 12.24 बजे अभिजीत मुहूर्त में, दोपहर 2.24 से 3.59 मिनट तक कुंभ लग्न और इसके बाद रात 7.13 से 9.12 मिनट तक ऋषभ लग्न का मुहूर्त है।

दुर्गापूजा को लेकर बढ़ी पंडितों की मांग

दुर्गापूजा को लेकर पंडितों की मांग बढ़ गयी है। पंडित रामशागर ने बताया कि यहां पंडित इस बार नई दिल्ली, सूरत, कोलकाता, पटना आदि जगहों पर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने जा रहे हैं। वहीं स्थानीय पूजा समितियों द्वारा भी पंडितों की बुकिंग जारी है।

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इधर रामजी ने बताया कि उनके यहां वर्षों से घर पर ही पंडितों द्वारा दुर्गापाठ किया जाता है। इसके लिए पंडितों की बुकिंग हो गयी है।