
नवगछिया : दयानंद पाण्डेय, सावन महीना शुरू हो गया है. सावन महीने में एक के बाद एक त्योहार आना शुरू हो जाता है. जिसमें से कामिका एकादशी का भी विशेष महत्व है. कामिका एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. कमिका एकादशी सावन महीने में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरूप की पूजा की जाती है. कामिका एकादशी इस बार 16 जुलाई दिन गुरुवार को है.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कामिका एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 15 जुलाई को शाम 10 बजकर 19 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त: 16 जुलाई को 11 बजकर 44 मिनट पर
व्रत का पारण: 17 जुलाई को 05 बजकर 57 मिनट से 08 बजकर 19 मिनट पर
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय: 05 बजकर 57 मिनट पर
कामिका एकादशी व्रत पूजा विधि
कामिका एकादशी का व्रत दशमी की तिथि से ही शुरू हो जाता है. एकादशी की तिथि को स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करने से पहले व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद भगवान विष्णु के उपेंद्र अवतार की पूजा आरंभ करें. व्रत के दौरान भगवान विष्णु की प्रिय वस्तुओं का प्रयोग करें. पूजा में पीले वस्त्र और फल प्रयोग में लाएं. इसके अतिरिक्त दूध, पंचामृत आदि अर्पित करें.
कामिका एकादशी का महत्व
कामिका एकदशी का विशेष महत्व है. महाभारत काल में स्वयं भगवान कृष्ण ने पांडवों को एकादशी के महामात्य के बारे में बताया था. कामिका एकादशी का व्रत रखने और पूजा करने से जीवन से हर प्रकार के कष्ट का नाश होता है. सुख समृद्धि मिलती है. जीवन में सफलता प्राप्त होती है और पितृ भी प्रसन्न होते हैं. कामिका एकादशी का व्रत रखने से पापों से भी मुक्ति मिलती है.
तुलसी पत्र का प्रयोग जरूर करें
कामिका एकादशी के व्रत में तुलसी पत्र का विशेष महत्व है. इस दिन तुलसी पत्र पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.