बिहार के चर्चित सृजन घोटाला से जुड़ी यह बड़ी खबर है। घटना के गिरफ्तार आरोपित जिला कल्याण कार्यालय के नाजिर महेश मंडल की रविवार की रात मौत हो गई। इसके बाद मृतक के परिजनों व उनके ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि महेश घोटाले में बड़े लोगों के नाम उजागर न कर दे, इसलिए पुलिस-प्रशासन ने जेल प्रशासन के साथ मिलकर उसकी हत्या करवा दी। महेश को जानबूझकर इलाज से वंचित रखा गया।
जानकारी के अनुसार सृजन घोटाले में 13 अगस्त को गिरफ्तार ज़िला कल्याण विभाग से निलंबित नाजिर महेश मंडल की तबीयत भागलपुर जेल में बिगड़ गई थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उन्हें शुक्रवार व शनिवार को भागलपुर के मायागंज अस्पताल में भेजा गया। दो दिनों के इलाज के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया। महेश मंडल को किडनी खराब होने व डायबिटीज की शिकायत थी।

रविवार की शाम महेश की तबीयत फिर बिगड़ गई। उसे अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप
महेश मंडल की मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि उसका सही इलाज नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जिंदा महेश कइयों के गलें की फांस बन सकता था। वह घोटाले के कई राज खोल सकता था। इसलिए साजिश के तहत उसे मार दिया गया।
अस्पताल में पुलिस तैनात
घटना के बाद अस्पताल में परिजनों और गांव वाले वालों का गुस्सा देख मौके पर आधा दर्जन से ज्यादा थानों की पुलिस को बुलाया गया। दंगा नियंत्रण वाहन एवं रैफ जवानों की भी तैनाती की गई।