नवगछिया : नवगछिया प्रखंड अंतर्गत खगरा गाँव के बीच में तीन सौ वर्ष पहले माँ काली का बाढ़ के समय में मेर भस कर आ गया था जिसके बाद ग्रामीणों ने मिलकर मेर को खगरा के बीच गाँव में स्थापित कर दिया गया. और उस समय जमींदार स्व बनारसी बाबू जो भागलपूर के रहने वाले थे. वो पूरे खगरा मौजा के जमींदार थे खगरा के नाया टोला से लेकर कैनकी टोला तक का वहीं माँ बम काली मंदिर का नींव रखे और अपने परिवार के देखरेख में मंदिर का पूजन किया गया . और जब स्व बनारसी बाबू का स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने अपने सिपाही स्व प्रभुनारायण सिंह,स्व गैना सिंह,स्व गिरजा सिंह के परिवार के देखरेख में मंदिर में पूजा करने के लिए दे दिया गया. उस समय से लेकर आज तक उन ही के परिवार ने मंदिर का पुनः निर्माण करवाया गया .

ग्रामीणों ने कहा कि कातिक कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन माँ बम काली की वैदिक और तांत्रिक विधि द्वारा मंदिर में माँ की पूजा अर्चना के बाद  को माँ काली की प्रतिमा शाम में विसर्जन किया जाता है. पूजा में माँ काली का 8 फिट की प्रतिमा बनाया जाता है. समिति के ग्रामीणों ने बताया कि मां काली खगरा के मंदिर में 5 0 0 पाठा की बलि दी जाती है और भैसा का भी बलि दी जाती है.

माँ के मंदिर में जो भी सच्चे मन से पूजा करता है उसकी मनोकामना पूर्ण कर देती है माँ काली यह बम काली नवगछिया अनुमंडल में मात्र दो ही जगहों पर है बिहपुर और खगरा बिहपुर में मां की विसर्जन सूर्योदय से पहले ही किया जाता है. और यहाँ पर शाम को विसर्जन किया जाता है. मंदिर में नयन पूजा होती है तब ग्रामीणों के सहयोग से 2 0 से 2 5 पाठा की बलि दी जाती है और सुबह से शाम होने तक चार से पांच सौ पूर जाता है. मंदिर का अध्यक्ष विरेंदर प्रसाद सिंह हैं.

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