यूगांडा सरकार ने ‘गपशप’ (गॉसिप) पर अंकुश लगाने और राजस्व उगाहने के उद्देश्य से सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, वाइबर और टिवट्र प्रयोकतार्ओं पर कर लगाने का विवादस्पद फैसला किया है। मीडिया रपटों से यह जानकारी मिली।

बीबीसी की गुरुवार देर रात की रपट के मुताबिक, ‘नए उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक के मुताबिक इन सोशल मीडिया मंचों का प्रयोग करने वाले पर प्रत्येक दिन 200शिलिंग (0.05 डॉलर) की दर से जुमार्ना लगेगा। यानी भारतीय मुद्रा में 3.35 रुपए होगा। यह कर एक जुलाई से प्रभावी होगा।’

सोशल मीडिया कानून में बदलाव के लिए पहल करने वाले देश के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने मार्च में कहा था कि सोशल मीडिया फालतू की बातचीत और अफवाहों (गॉसिप) को बढ़ावा देता है।

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वित्तमंत्री माटिया कासैजा को लिखे पत्र में मुसेवेनी ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया से प्राप्त कर से देश में गपशप और अफवाहों (गॉसिपिंग) के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे देश के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज को चुकाने में भी मदद मिलेगी।

नए कानून में यह प्रावधान भी किया गया है कि मोबाइल से धन के लेन-देन के कुल योग पर भी एक फीसदी कर देना होगा। यूगांडा में 2०16 में राष्ट्रपति चुनाव के मौके पर राष्ट्रपति मुसेवेनी ने इस पर रोक लगा दी थी और कहा था कि ‘ऐसा झूठ को फैलने से रोकने के लिए’ किया गया है।