नवगछिया : नवगछिया भाजपा के अंदरखाने में द्वन्द की स्थिति है. इन दिनों महामंत्री पद के लिए खींचातानी की सूचना सामने आ रही है. इसका सबसे बड़ा उदहारण यह है कि जिलाध्यक्ष बनने के तीन माह बाद भी विनोद कुमार मंडल जिला कमेटी की घोषणा नहीं कर पाए हैं. सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस बार महामंत्री के तीन पद होंगे. जिसमे दो का चयण हो गया है. दोनों बिहपुर विधानसभा से हैं. अब एक पद को लेकर भाजपा की आंतरिक रजनीति गर्म है. अब महामंत्री का एक पद गोपालपुर से लिया जाना है. दो नामों गोपालपुर के पूर्व मंडल अध्यक्ष आलोक सिंह, अधिवक्ता अजीत कुमार में से एक का नाम महामंत्री पद के लिए घोषित किया जाना है. सूत्र बता रहे हैं कि दोनों में से एक के चयन का फैसला लेना जिलाध्यक्ष के लिए गले की हड्डी बना हुआ है. मालूम हो कि आलोक सिंह पुराने भाजपाई हैं तो अजीत कुमार दो साल पहले भाजपा की राजनीति से जुड़े हैं. दोनों पर गोपालपुर भाजपा के अलग अलग दो गुटों के नेताओं का हाथ है. किसी एक को महामंत्री पद देने बाद जिलाध्यक्ष का दूसरे गुट के विरोध का सामना पुरे कार्यकाल करना पड़ सकता है. जानकार बता रहे हैं कि ऐसी स्थिति में हो सकता है कि किसी तीसरे को यह पद दिया जाय. गोपालपुर भाजपा के नेता गुलाबी सिंह को महामंत्री बनाया जा सकता है. सूत्र बता रहे हैं कि नवगछिया भाजपा में फ़िलहाल शक्ति के तीन ध्रुव बन गए हैं और चौथा अपने शैशव काल में है. ऐसी स्थिति में जिलाध्यक्ष के करीबी कह रहे हैं कि इन दिनों विनोद जी चौतरफा दवाब महसूस कर रहे हैं. यही कारण है कि महज दो विधानसभा के नवगछिया पुलिस जिला संगठन की कमेटी का विस्तार नहीं कर पाए हैं. इधर अजीत ने अपने कद और रसूख के बल पर महामंत्री पद पर प्रबलता से दावेदारी कर रहे है तो आलोक सिंह संगठन के अपने लंबे निर्विवाद कार्य के बल पर अपनी दावेदारी दे रहे हैं. जानकार बता रहे हैं कि इन दिनों संगठन में जो भी हो रहा है वह भविष्य में भाजपा को बिहपुर और गोपालपुर भाजपा के लिए अच्छा नहीं है. ऐसी स्थिति में भाजपा का दोनों विधानसभा में कम बैक की संभावना बहुत कम है.