नवगछिया : अजीत पाण्डेय, इस साल गणेश चतुर्थी 25 अगस्त शुरू हो रही है जोकि 5 सितंबर तक चलेगी। भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी को पूरे देशभर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष को हुआ था।

गणेश चतुर्थी का उत्सव प्रारंभ होते ही सभी राशियों को विशेष लाभ होगा। लेकिन मान्यता है कि इस दौरान एक काम नहीं किया जाना चाहिए। यदि यह काम किया तो परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं।

यह काम है कि चतुर्थी के दिन लोगों को चांद नहीं देखना चाहिए। बताया जाता है कि चांद देखने से झूठे आरोप लगने का डर बना रहता है। इसके अलावा कलंक भी लग सकता है।

सिर्फ गणेश चतुर्थी ही नहीं, बल्कि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर भी चांद को नहीं देखना चाहिए। इसे देखने से मनाही है। यदि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में चांद को देखा तो फिर जिंदगी में परेशानी आ सकती है।

चांद नहीं देखने के पीछे एक मान्यता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण पर एक मणि की चोरी का कलंक लगा था। हालांकि, सूर्यकांत मणि की चोरी के लिए लगा यह आरोप झूठा और बेबुनियाद था।

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पौराणिक कथा की मानें तो शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अपने रूप का अभिमान हो गया था। इसी दौरान चंद्रमा ने गणेश जी को देख कर उनको अपमानित कर दिया।

मान्यता है कि इसके बाद गणेश जी ने एक श्राप दिया। उन्होंने चंद्रमा से कहा कि तुम काले हो जाओगे। यदि किसी ने तुम्हारे चेहरे को देखा तो उस पर भी कलंक लग जाएगा।