पटना : बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद को सोशल मीडिया के माध्यम से बदनाम किये जाने के मामले में बुधवार की रात दूसरी गिरफ्तारी हुई है.

यह गिरफ्तारी जितेंद्र नाम के युवक हुई है. जितेंद्र को अगमकुआं पुलिस ने गिरफ्तार किया और कोतवाली में पहले से केस दर्ज होने के कारण कोतवाली पुलिस को सुपुर्द किया. खास बात है कि जितेंद्र सुपर-30 का कर्मचारी है. पुलिस को यह गिरफ्तारी उस समय महंगी पड़ गयी, जब जितेंद्र के पकड़े जाने की खबर मिलते ही सुपर 30 के संचालक आनंद कुमार कोतवाली पहुंच गये. यहां आनंद कुमार ने हंगामा शुरू कर दिया.

उन्होंने कोतवाल रमाशंकर प्रसाद से पूछा कि कैसे उनके कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया. इसको लेकर दोनों में जमकर बहस हुई. आनंद इस गिरफ्तारी से इतना बौखलाये थे कि कोतवाली समेत सभी पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की. कोतवाल को देख लेने की धमकी दी. साथ ही नहीं छोड़ने पर आत्महत्या करने की बात कही.

देर रात कोतवाली परिसर इस हंगामे से गूंजता रहा है. आनंद कुमार की हरकत को देखकर कोतवाली के अन्य पुलिस वाले भी इस बहस में शामिल हो गये. दोनों तरफ से जमकर बहसबाजी हुई. इस मामले में कोतवाली ने आनंद कुमार के खिलाफ स्टेशन डायरी की है. कोतवाल का कहना है कि सरकारी कार्य में बाधा डालने व अभद्रता किये जाने के मामले में आनंद के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

Whatsapp group Join

आनंद ने दी आत्महत्या की धमकी, कोतवाल से की अभद्रता

दरअसल कुछ माह पहले सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद के खिलाफ लिखा जा रहा था. उन पर अवैध पैसा कमाने, करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया जा रहा था.

इस मामले में पटना के वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने संज्ञान लिया था. इसके बाद कोतवाली में एक केस दर्ज किया गया. पुलिस ने जब इसकी छानबीन शुरू की तो एक युवक आदित्य कुमार को चिह्नित किया गया. पुलिस ने जक्कनपुर थाना इलाके से चिह्नित किये गये युवक को गिरफ्तार किया. उसके कब्जे से एक कट्टा बरामद किया गया.

पुलिस ने जिस युवक को पकड़ा था उसी के एकाउंट से सोशल मीडिया पर लिखा गया था. पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल किया और सुपर-30 के कर्मचारी जितेंद्र का नाम लिया था. जितेंद्र पर सहयोग करने और उकसाने का आरोप है. इसके बाद से ही कोतवाली पुलिस जितेंद्र की तलाश कर रही थी. बुधवार की रात जितेंद्र काे अगमकुआं की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उसे कोतवाली पुलिस को सौंप दिया.

जितेंद्र के कोतवाली पहुंचते ही पहुंचे आनंद

देर रात कोतवाली परिसर का माहौल उस समय गर्म हो गया जब जितेंद्र को गिरफ्तार करके कोतवाली लाया गया. दरअसल जितेंद्र की गिरफ्तारी होते ही सुपर-30 के संचालक आनंद कुमार को जानकारी मिल गयी.

इस पर वह सीधे कोतवाली पहुंचे गये. आनंद कुमार कोतवाली पहुंचकर सीधे कोतवाल से भिड़ गये. उन्होंने जितेंद्र की गिरफ्तारी का कारण पूछा. जब पुलिस ने बताया कि जितेंद्र के खिलाफ उनके पास सबूत है तो वह बौखला गये.

कोतवाल रमाशंकर प्रसाद पर झूठ बोलने और फर्जी केस में फंसाने का आरोप लगाया. कोतवाल उनके सामने कहते रह गये कि जितेंद्र ने गलती की है, तकनीकी साक्ष्य हैं उनके पास लेकिन वह नहीं मानें. काफी देर तक बहस किया. कोतवाल को देख लेने की धमकी दी. इस पर कोतवाल की तरफ से चेताया गया कि वह नियम कानून के दायरे में रहकर बात करें.

कोतवाल से हो रही अभद्रता को देखते हुए सभी स्टाफ भी आनंद कुमार के विरोध में आ गये. जमकर बहसबाजी हुई. काफी देर तक चली इस बहस के बाद आंनद कुमार वहां से निकल गये. कोतवाल ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी अपने वरीय अधिकारियों को दी है