डीएम सुब्रत कुमार सेन ने भ्रष्टाचार के अाराेप में फंसे कहलगांव के सीअाे नीलकुसुम कुमार िसन्हा काे प्रभार से मुक्त कर दिया है। उनकी जगह पर जगदीशपुर की प्रशिक्षु राजस्व अधिकारी स्मिता झा काे सीअाे का प्रभार दिया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि कहलगांव सीअाे का प्रभार ग्रहण कर तत्काल प्रभाव से काम शुरू करें। डीएम ने अपने अादेश में कहा है कि 13 जनवरी काे कहलगांव एसडीअाे व डीसीएलअार की माैजूदगी में निरीक्षण के दाैरान उन्हाेंने पाया था कि सीअाे नीलकुसुम सिन्हा अंचल संबंधी काम कार्यालय में नहीं कर अपने अावास से कर रहे हैं।

अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज संबंधी अभिलेख की मांग किए जाने पर क्लर्क ने लिखित रूप से बताया था कि काेई भी अभिलेख कार्यालय में नहीं है। एसडीअाे ने इसकी पुष्टि के लिए अपर अनुमंडल पदाधिकारी अाैर कहलगांव बीडीअाे काे सीअाे के साथ उनके घर पर भेजा था। वहां प्राइवेट व्यक्ति राजस्व से संबंधी सरकारी काम अनधिकृत रूप से कर रहा था।

सीओ के आवास से जब्त की गई थी कई फाइलें

सीअाे के अावास से अंचल संबंधी अभिलेख के साथ कई अन्य फाइल अाैर निर्गत पंजी भी जब्त की गई थी। दाखिल-खारिज से संबंधित पेंडिंग केसाें की जांच के दाैरान डीसीएलअार ने बताया कि 5 हजार से अधिक केस निपटारे के लिए पेंडिंग हैं। कार्यालय में सीअाे नहीं बैठते हैं। कैशबुक में कई त्रुटियां पाई गईं। सीअाे के पद पर रहने से राजस्व संबंधी कामाें में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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प्राइवेट व्यक्तियाें से काम लेने अाैर कार्यालय में पदस्थापित सरकारी कर्मियाें काे पदीय दायित्वाें का निर्वहन नहीं करने देना सीअाे के भ्रष्ट अाचरण काे भी दर्शाता है, यह जांच का विषय है। सीअाे के पद पर बने रहे से अंचल कार्यालय के काम पर असर पड़ेगा। सीअाे के स्तर पर बरती जा रही अनियमितता की जानकारी भूमि सुधार व राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव काे भी भेजी गई है। इन तथ्याें काे ध्यान में रखकर विभागीय दिशा-निर्देश के इंतजार अाैर प्रशासनिक दृष्टि से सीअाे नील कुसुम सिन्हा काे तत्काल प्रभाव से सीअाे के प्रभार से मुक्त किया गया है।