नहाय-खाय के साथ बुधवार से आस्था का महापर्व छठ शुरू हो रहा है। उगऽ हे सूरजदेव अरघ के बेरिया…, दर्शन देहू न अपार हे दीनानाथ…, मरबो रे सुगवा धनुष से…, कांचही बांस के बहंगिया..: जैसे लोकगीतों की गूंज से माहौल भक्तिमय हो गया है। संकट मोचन दरबार के पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि 18 नवंबर को नहाय-खाय से पर्व की शुरुआत हो रही है। 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को सायंकालीन अर्घ्य व 21 नवंबर को प्रात:कालीन अर्घ्य देने के साथ ही आस्था का महापर्व का समापन होगा।

उन्होंने बताया कि इस बार कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को रवियोग में पर्व शुरूआत व समापन 21 नवंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग व द्विपुष्कर योग के शुभ संयोग में होगा। उन्होंने बताया कि परिवार की सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रती पूरे विधि-विधान से छठ का व्रत करेंगी। इस पर्व को करने से रोग, शोक, भय आदि से मुक्ति मिलती है। पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठी मइया सूर्यदेव की बहन हैं। मान्यता है कि पर्व के दौरान भगवान सूर्य की उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती हैं तथा परिवार में सुख, शांति व धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं। इस तिथि को गंगा स्नान मात्र से शरीर के सारे कष्ट विशेषकर त्वचा रोग का नाश हो जाता है।

60 रुपये किलो बिका कद्दू

नहाय-खाय से एक दिन पहले मंगलवार को बाजार में कद्दू की कीमत में 15-20 रुपये महंगा बिक रहा था। तिलकामांझी हटिया स्थित एक सब्जी विक्रेता ने बताया कि कद्दू इस बार बाजार में काफी है। इसीलिए इसकी दाम अधिक नहीं बढ़ी। 60 रुपये किलो बिका। कोतवाली चौक स्थित एक विक्रेता रतन मंडल ने बताया कि 40 रुपये में एक पीस बेचा गया। इससे पूर्व इसकी कीमत 20 से 25 रुपये पीस बिक रही थी। उधर घंटाघर स्थित फल विक्रेता विशाल कुमार ने बताया कि नारियल 100 रुपये जोड़ा, सेब 100 रुपये, नारंगी 50 से 70 रुपये, अनार 150 रुपये किलो बिका। पर्व को लेकर 20 रुपये किलो फल की कीमत बढ़ी है। उल्टा पुल के समीप सूप विक्रेता विजय मल्लिक ने बताया कि सूप 100 रुपये जोड़ा व डालिया 150 से 200 रुपये में बिक रहा है।

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