
नवगछिया। नगर के गौशाला परिसर में स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। संकट हरने वाली और सब सुखों की दायिनी मां वैष्णो देवी की महिमा अपरंपार है। कहा जाता है कि मां की कृपा से दुखियों के दुख दूर होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि सच्चे मन से मां के चरणों में प्रार्थना करने वाला खाली हाथ नहीं लौटता।
मां वैष्णो देवी के दरबार में आकर भक्तों का कष्ट दूर होता है। मंदिर की मान्यता है कि मां नेत्रहीन को नेत्र, अंगहीन को अंग, निर्बल को बल, धनहीन को धन, संतानहीन को संतान और विद्याहीन को विद्या प्रदान करती हैं। शेर पर सवार अष्टभुजा वाली मां की प्रतिमा इतनी भव्य और मनोहारी है कि दर्शन मात्र से भक्त अभिभूत हो जाते हैं और उनके होंठों पर बरबस “जय माता दी” के उद्घोष फूट पड़ते हैं।
मंदिर का सौंदर्य और पूजन व्यवस्था
गौशाला स्थित इस मंदिर में मां वैष्णो देवी के साथ-साथ भगवान महादेव की भी दिव्य प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमाओं का सौंदर्य देखने योग्य है। मंदिर परिसर में रोजाना पूजा-अर्चना होती है और साल भर विभिन्न धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। विशेष रूप से प्रत्येक शनिवार को मां वैष्णो देवी को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। भोग के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है। इस दिन बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचकर माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
विशेष पर्व और आयोजन
मंदिर में साल भर कई धार्मिक पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां से भव्य शिव बारात निकलती है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। सावन के महीने में तो यहां का नजारा ही अलग होता है। आसपास के गांवों के लोग बरारी से गंगा जल भरकर लाते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। इन अवसरों पर मंदिर परिसर घंटियों और जयकारों से गूंज उठता है और पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
स्थानीय आस्था का केंद्र
स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर का महत्व साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। दूर-दराज से श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। हर शनिवार और विशेष अवसरों पर मंदिर में मेला सा माहौल रहता है। महिलाएं समूह बनाकर भजन-कीर्तन करती हैं, बच्चे माता रानी के जयकारे लगाते हैं और श्रद्धालु मंदिर परिसर में घंटों तक भक्ति में लीन रहते हैं।
सुभाष पाण्डेय बताते है कि गौशाला स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर न केवल नवगछिया बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी आस्था का केंद्र माना जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि जैसे ही वे मंदिर परिसर में प्रवेश करते हैं, उन्हें आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
Leave a Reply