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अक्सर शाम को छः से सात बजे के बीच मोबाइल की घंटी बजती थी। क्या हाल है ! ध्यान है न ! मैं पूरी तरह से झेप जाता था और कहता था – सर आप बड़े है और ध्यान तो आप मुझ पर बनायें रखें। इसके बाद विवेका बाबू काम की बात करते थे और अंत में कहते ध्यान बनाये रहिये। पर्वत के सामान हृदय के स्वामी अधिवक्ता विवेकानंद केसरी जी के इसी सरलता ने उन्हें हर उम्र के लोगों के बीच लोकप्रिय कर दिया था। जूनून ऐसा कि जैसे कल ही 19 वें वर्ष में प्रवेश किया हो। इस उम्र में भी व्हाट्सप पर सक्रीय रहना, नई नई फिल्मों पर बात करना, राजनीति में आ रहे नये लड़को से आसानी से घुल मिल जाना, कृष्णा टाकीज के सामने आइसक्रीम का लुफ्त लेना, कई तरह के सामाजिक कार्यों में खुद को सक्रीय रखना, पुस्तकों का अध्ययन करना, वास्तव में इतने सारे कार्य विवेका बाबू ही कर सकते थे। वे वन मैन आर्मी थे। 68 बसंत देख चुके विवेका बाबू जिंदादिली के पर्याय थे। मैं उनका नाम तो बहुत दिनों से सुन रहा था लेकिन उनसे जान पहचान महज सात माह पुरानी थी। मैं शहीद मुंशी साह पुस्तकालय एक खबर के सिलसिले में गया था। मुझे वहां पता चला था कि पुस्तकालय के सम्बन्ध में पूरी जानकारी अधिवक्ता विवेकानंद केसरी ही दे सकते हैं। मेरे पास उनका मोबाईल नंबर नहीं था। संयोग से वहीं पर पूर्व बीडीओ और खेल विद आरपी राकेश जी मिल गए। फिर हमलोग उनके घर पर गये। राकेश बाबू ने ही फोन से केसरी जी को बुलाया। फिर हमलोगों ने चाय की चुस्कियों के साथ घंटों बात चीत की। इसके बाद केसरी जी से मैं कई बार मिला। उनका एका एक चले जाना हजम नहीं हो रहा। केसरी जी के कहने पर ही नवगछिया के निफ्टियन रूपेश ने शहीद मुंशी साह की एक तस्वीर बनाई थी। केसरी जी उक्त तस्वीर के लोकार्पण के लिए किसी अच्छे मौके की तलाश में थे। आज भी तस्वीर प्रभात खबर नवगछिया के कार्यालय में रखी है। मुंशी पुस्तकालय से उनका काफी लगाव था। पुस्तकालय की बेहतरी के लिए उन्होंने कई निर्णय लिए। उनके बेहतर सोच और मेहनत का नतीजा है कि पुस्तकालय आज भी बिना किसी सरकारी सहयोग के जीवंत है। उनके जीवन के कई आयाम थे। उनके विशाल व्यक्तित्व के सामने मेरी लेखनी उसी प्रकार है जैसे कोई सूर्य को टॉर्च दिखाने की बात करे। दिव्य पुरुष, दिव्य आत्मा को शत, शत नमन।
शत शत नमन ??????????

“बड़े गौर से सुन रहा था जमाना, फ़साना तुम्हारा।
पर तुम्हीं सो गए दास्तां कहते कहते। ।

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ऋषव मिश्रा कृष्णा
नवगछिया

लेखक नवगछिया डॉट कॉम के संपादक हैं और प्रभात खबर नवगछिया के प्रभारी हैं।