PUTIN-16

मोदी जी के संसदीय शहर वाराणासी वैलेंटाइन डे पर पूरी रूमानियत से भरा होता है।  वाराणसी में एक प्रेमी जोड़े की ऐसी कहानी जमीन के नीचे दफन है, जिसका अहसास हर प्यार करने वाला जरुर करता है। वाराणसी के सिद्दीगीरीबाग इलाके में आशिक-माशूक की दरगाह यादगार मोहब्बत की नजीर है। सैकड़ों साल बाद भी लोग जब भी मोहब्बत का तजकरा होता है शीरी- फरहाद, लैला-मजनू, रोमियो- जुलियट की तरह ही आशिक-माशूक का भी नाम लेते हैं। इस दर पर आम जायरीन के साथ ही इश्क के बीमार भी मुराद मांगते हैं।मान्यता है कि इस दर से कई आशिक और माशूक की मोहब्बत परवान चढ़ी और वो एक- दूजे के हो गए। आज भी प्रेमी युगल यहां आते है और अपनी प्रेम कहानी को सफल जीवन के रूप में तब्दील करने की कामना करते है और दुआ मांगते है की जिंदगी में कभी एक दूसरे का साथ न छूटे।