खरीक: खरीक प्रखंड के रेलवे स्टेशन में बीते एक दशक से बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. स्थानीय लोगों को रेल यात्रा करने में काफी परेसानी
हो रही है.

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संपर्क पथ जर्जर

खरीक नेशनल हाईवे से रेलवे स्टेशन तक जाने के लिए पहुंच पथ जर्जर है. नया टोला विश्वपुरीया के समीप कुछ दूर तक सड़क का निर्माण हुआ लेकिन स्टेशन पहुंचने तक अभी भी सड़क जर्जर है. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और रेलवे विभाग से जर्जर सड़क पीसीसीकरन करवाने के लिए गुहार लगाया लेकिन आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. जानलेवा सड़क से खास कर रात में पैदल और वाहन लेकर गुजरने में आम लोगों काफी परेशानी हो रही है. खरीक के फल उत्पादक व्यवसायी उत्पादित फल केले आम लीची आदि लेकर कटिहार और बरौनी स्टेशन रेल से यात्रा कर फल बाजार में बेचने जाते है.सड़क जर्जर रहने से व्यवसायी वाहन लेकर स्टेशन तक नहीं पहुंच पाते है.व्यवसाइयों को सड़क जर्जर रहने की वजह से काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

प्लेटफॉर्म पर नहीं बना है शेड

यात्रियों की सुविधा के लिए खरीक रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर अभी भी यात्रियों की सुविधा के लिये शेड का निर्माण नहीं हो सका है. जिसके कारण स्टेशन पर आने वाले रेल यात्रियों को खुले आसमान में धूप बारिश में जूझ कर रेल की यात्रा करना जोखिम भरा होता है.

महिला यात्रियों के लिए नहीं है शौचालय की व्यवस्था

खरीद रेलवे स्टेशन पर सबसे ज्यादा कठिनाई महिलाओं को होती है. महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था नहीं है जिससे दूर दराज से आने वाली महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.स्टेशन पर मन चले युवकों से सुरक्षा के लिए खरीक रेलवे स्टेशन पर कोई इंतजाम नहीं है.वोटिंग रूम नहीं रहने से रेल की यात्रा करने वाले महिलाओं को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं बना उभर ब्रिज

खरीक रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक से प्लेटफार्म नंबर दो पर जाने के लिए रेलवे ब्रिज का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है जिससे रेल यात्रियों को रोजाना काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दोनों रेल ट्रैक पर रेलगाड़ी लगी रहने से यात्रियों को दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए जान को जोखिममें डालना पड़ता है. पेयजल की व्यवस्था नहीं है . रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं है .आए दिन रेल यात्रियों को पानी के लिए स्टेशन पर उधर उधर भटकना पड़ता है .प्लेटफार्म बहुत ही नीचे रहने से अक्सर यात्रियों को जान गवानी पड़ती है .खरीक रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म बहुत ज्यादा नीचे रहने की वजह से रेल से उतरने वाले यात्रियों को अपना जान जोखिम में डालकर ट्रेन से उतरना और चढ़ना पड़ता है .मालूम हों कि खरीक रेलवे स्टेशन पर रेल गाड़ी रेलवे पर प्लेटफार्म काफी ज्यादा नीचे है.यात्रियों को रात्रि में उतरने में काफी परेशानी होती है .कभी कभी जान भी गवानी पड़ती है.

रात में स्टेशन पर रहता है अन्धेरा

रेलवे स्टेशन पर रात्रि में अंधेरा छाया रहता है .जनरेटर उसी समय चालू किया जाता है जब कोई ट्रेन आगमन और प्रस्थान जाने वाली होती है.स्टेशन परिसर में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है .प्लेटफार्म पर अंधेरा छाए रहने से रात्रि में लोग खरीक स्टेशन पर नहीं उतरना चाहते हैं.

अपराधियों का होता है जमावड़ा

रेलवे स्टेशन पर अंधेरा छाया रहने से रात्रि में अक्सर अपराधियों का जमावड़ा रहता है .जिससे रेल की यात्रा करने वाले यात्रियों की जान जोखिम भरी रहती है . लोगों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है पूर्व में खरीक रेलवे स्टेशन पर रेलवे गार्ड की व्यवस्था थी लेकिन बीते एक दशक से राइफल लूट की घटना के बाद गार्ड को हटा लिया गया जिससे सुरक्षा भगवान भरोसे कहते हैं .

क्या कहते है स्टेशन मास्टर

खरीक रेलवे स्टेशन मास्टर ने बताया की पूर्व में स्टेशन की समस्याओं से कई बार रेल पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है .यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रयास किया जा रहा है .

क्या कहते हैं ग्रामीण

खरीक प्रखंड के समाजसेवी वैद्यनाथ साहा अजीत झा राजद प्रखंड अध्यक्ष शंकर प्रसाद उर्फ दल्लू यादव जदयू प्रखंड अध्यक्ष पप्पू यादव आदि लोगों का कहना है रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बुनियादी सुविधा मिलनी चाहिए. साथ ही इंटरसिटी का ठहराव सुनिश्चित किया जाए इसके लिए हम लोगों ने रेल मंडल सोनपुर को कई बार आवेदन दिए हैं.