देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर टिप्पणी करने के मामले में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भारी पड़ सकता है. राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बिहार के खगड़िया की अदालत में वाद दायर किया गया है.

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वादी खगडिय़ा के मधुर कुमार इस बारे में बताया है कि राहुल गांधी ने 21 दिसंबर 2016 को गुजरात के मेहसाणा में पीएम मोदी पर अक्टूबर 2013 व फरवरी 2014 के बीच सहारा समूह से नौ बार में करोड़ों की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था और उन्होंने दावा किया था कि आयकर विभाग के पास पर्याप्त सबूत है. उनका कहना है कि राहुल गांधी जिस समय की बात कर रहे हैं उस समय केंद्र में उनकी ही मनमोहन सरकार चल रही थी अगर ऐसा था तो उस समय नरेंद्र मोदी पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. वाद में यह आरोप लगाया है कि राहुल गांधी का भाषण असत्य व भ्रामक था इससे विदेशों तक देश की छवि खराब हुई है.

सीजेएम की अदालत में इस मामले में पहली सुनवाई हुई थी जिसमे सूचक के अधिवक्ता ने 18 जनवरी 2017 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट में दोनों नेताओं पर भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) के तहत संज्ञान लेने की मांग की थी जिपर कोर्ट ने इसपर सुनवाई के लिए 28 फरवरी का तारीख तय किया है.