नवगछिया  :- रंगरा प्रखंड मुख्यालय स्थित रंगरा गांव का दुर्गा मंदिर प्रखंड क्षेत्र का सबसे चर्चित वह प्रतिष्ठित दुर्गा मंदिर माना जाता है. इस मंदिर का आध्यात्मिक व गौरवशाली इतिहास रहा है. रंगरा के दुर्गा मंदिर के आसपास के ग्रामीणों की मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्त सच्चे मन से माता के दरबार में अपनी मन्नतें मांगते है. माता उनकी हर मन्नतों को पूरा करती है. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार आज से चार दशक पूर्व सन 1983 ईस्वी में सार्वजनिक रूप से ग्रामीणों के सहयोग से इस मंदिर की स्थापना की गई थी.

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वर्तमान में कमेटी के अध्यक्ष रंगरा निवासी अधिवक्ता गौतम कुमार सिंह के नेतृत्व में लाखों रुपए की लागत से मंदिर परिसर में मंदिर निर्माण कार्य एवं विधि विधान , नेम निष्ठा से पंडित आचार्य शंभूनाथ वैदिक के नेतृत्व में दर्जनों विद्वान पंडितों द्वारा प्रतिवर्ष मां भगवती की पूजा अर्चना एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है. इस मंदिर में नवमी तिथि को 200 से भी ज्यादा पाठा की बलि दी जाती है. वर्तमान समय में यह मंदिर रंगरा कि पहचान बन गई है. मन्नत पूरी होने के बाद विवाहित महिलाओं द्वारा अष्टमी तिथि को डाला व खोईछा दिया जाता है. इस मंदिर का प्रभाव व आशीर्वाद लोगों के बीच इतना है. बावजूद इसके दर्जनों लोग प्रतिमा निर्माण के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.

इस मंदिर परिसर में मां भगवती मंदिर के अलावे विषहरी मंदिर, हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, पार्वती मंदिर , सरस्वती मंदिर, लक्ष्मी गणेश मंदिर, एवं संतोषी मंदिर के रूप में लगभग आधे दर्जन मंदिर स्थापित किए गए हैं. क्षेत्र में लोगों के बीच ऐसी मान्यता है की मां भगवती के दरबार में आज तक सच्चे मन से जो भी भक्त गए हैं वे खाली हाथ वापस लौटकर नहीं गए हैं. यही कारण है कि माता की पुण्यप्रताप से सिर्फ रंगरा गांव में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा एवं भारतीय रेलवे में एस पी, जिलाधिकारी एवं डी आर एम जैसे महत्वपूर्ण पदों को दर्जन भर से भी ज्यादा लोग सुशोभित कर रहे हैं.

इसके अलावा बताया जाता है कि सिर्फ रंगरा गांव में मां भगवती किड़़ा मैदान में दौड़ लगाकर भारतीय फौज, बिहार पुलिस एवं बिहार मिलिट्री विभाग में 200 से भी ज्यादा लोग कार्यरत हैं. इस क्रीडा मैदान के बारे में कहा जाता है कि इस क्रीडा मैदान में जो भी लोग दौड़ लगाते हैं. और माता के दरबार में मन्नत मांगते हैं उन्हें निश्चित रुप से सफलता मिलती है. मंदिर में इस वर्ष स्थाई मूर्ति का भी निर्माण हुआ है. बावजूद इसके प्रतिवर्ष मिट्टी द्वारा निर्मित नवीन प्रतिमा का भी निर्माण किया जाता है.

प्रतिमा निर्माण में नवगछिया के कलाकार बंटी पंडित जोर – शोर से लगे हुए हैं. इस अवसर पर मंदिर परिसर में आध्यात्मिक कार्यक्रमों के अलावे प्रतिवर्ष मेले एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. इस वर्ष भी पूजा अर्चना एवं अन्य कार्यक्रमों को सफल बनाने में कमेटी के सचिव प्रभाकर ठाकुर , शैलेंद्र ठाकुर, वरुण कुमार सिंह , अधिवक्ता दीपक कुमार ठाकुर एवं अवकाश प्राप्त सैनिक अशोक कुमार सिंह मुख्य रूप से लगे हुए है.