पटना. भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ की लाइफ संघर्ष भरी रही है। उन्होंने शुरुआती दिन गरीबी में गुजारे। ‘निरहुआ’ के स्टार बनने में उनके पिता कुमार यादव का काफी योगदान है। एक समय ऐसा था जब उनके पिता की मंथली इनकम मात्र 3500 रुपए होती थी और इसी में सात लोगों का परिवार चलता था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जानिए क्या करते थे दिनेश के पिता…
– दिनेश गाजीपुर के छोटे से गांव टंडवा के रहने वाले हैं।
– जब दिनेश छोटे थे तब उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।
– पैसे कमाने उनके पिता कुमार यादव निरहुआ और उनके भाई को लेकर कोलकाता चले गए।
– हालांकि, इस दौरान उन्होंने पत्नी और तीन बेटियों को गांव में ही छोड़ दिया।
– कोलकाता में कुमार यादव बेलघरिया के आगरपाड़ा की झोपड़पट्टी में अपने दोनों बेटों के साथ रहने लगे।
– इस दौरान वे 3500 रुपए में मजदूरी करने लगे। यहीं से दिनेश ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई शुरू की।
(चर्चा में क्यों : फिल्म ‘बम बम बोल रहा है काशी’ रिलीज के तीन दिनों के बाद अपनी लागत निकालने के करीब पहुंच गई है। फिल्म की प्रोड्यूसर एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा हैं।)
कभी एक साइकिल नहीं थी घर में…
– दिनेश लाल यादव के छोटे भाई प्रवेश लाल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि भैया ने बहुत संघर्ष किया है।
– घर में साइकिल तक नहीं थी। कहीं आने-जाने के लिए पैदल ही सफर तय करना पड़ता था।
– 2003 में जब उन्होंने अपना पहला एल्बम निकाला तो फिर उनका समय बदला।
– फिर वे भोजपुरी फिल्मों के स्टार बन गए। इसके बाद उन्हें फिल्मों में मौका मिला।
– दिनेश के भाई प्रवेश भी भोजपुरी फिल्मों में काम करते हैं।
– प्रवेश ने बताया कि यूपी, बिहार, झारखंड, पंजाब की जनता अब सेलिब्रिटी के रूप में देखती है।
– फिल्मों में आगे बढ़ने के लिए फैमली सपोर्ट बहुत जरुरी होता है।
पिता चाहते थे नौकरी करें दिनेश
– बताया जाता है कि 1997 में कुमार यादव अपने गांव लौट आए। इसके बाद दिनेश ने गाजीपुर के मलिकपुरा कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की।
– दिनेश के पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिखकर कोई अच्छी सी नौकरी करे, लेकिन दिनेश को कुछ और ही भाता था।
– दिनेश अपने चचेरे भाई बिरहा गायक विजय लाल यादव से काफी प्रभावित हुए और उन्हीं की तर्ज पर गायकी के क्षेत्र में कदम बढ़ाया।
म्यूजिक एल्बम ने दिलाई सक्सेस
– साल 2003 में दिनेश लाल यादव का म्यूजिक एल्बम निरहुआ सटल रहे सुपरहिट हुआ था। इसी से वे स्टार बन गए थे।
– इससे पहले 2001 में उनके दो म्यूजिक एल्बम ‘बुढ़वा में दम बा’ और ‘मलाई खाए बुढ़वा’ रिलीज हुए थे। इसकी बदौलत उन्हें पहचान मिल गई थी।
– बताया जाता है कि साल 2005 में दिनेश मुंबई आए। एक फिल्म डायरेक्टर के कहने पर उन्होंने फिल्म ‘चलत मुसाफिर…’ में दो गाने गाए और फिर संयोग ऐसा बना कि एक्टिंग भी की।
– इस फिल्म में दिनेश ने छैला बिहारी के दोस्त का किरदार निभाया और फिल्म चल गई।
– इसके बाद ही उनके पास सहयोगी भूमिकाओं के ऑफर आने लगे। लेकिन, उनके मन में हीरो बनने की चाह जगह बना चुकी थी। दिनेश के दोनों बेटे आदित्य और अमित भी सिनेमा प्रेमी हैं।