नवगछिया : कल माघ शुक्ल पंचमी के दिन सरस्वती की पूजा हर्षोल्लास से की गयी लेकिन विसर्जन को लेकर कुछ लोगो के मन में भ्रम की स्थिति बनी हुयी है इसलिए इस बात को स्पस्ट करने के लिए हमारी टीम नवगछिया के जाने माने पंडित दयानंद बाबा से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि पंचमी के बाद षष्टी तिथि को सुबह माता सरस्वती की पूजा करने के बाद उनका विसर्जन कर देना चाहिए. लेकिन आज गुरुवार होने के कारण कुछ जगहों आज विसर्जन नहीं होगा मान्यताओ के अनुसार गुरुवार को मूर्ति विसर्जन को अशुभ माना जाता है संध्या काल स्नान आदि कर माँ को धुप , भोग लगा कर मूर्ति को प्रणाम करके जल में धीरे- धीरे प्रवाहित कर देना चाहिए.