पटना : राज्य भर में पांच प्रतिशत से भी कम कोचिंग संस्थान हैं, जिन्होंने जिलाधिकारी के समक्ष निबंधन कराया है. 24 जिलों में तो एक भी कोचिंग  संस्थान ने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. 12 से अधिक जिलों में इसके  लिए कोई  आवेदन ही नहीं आये. कोचिंग संस्थानों की इसी मनमानी को रोकने के लिए राज्य  सरकार ने 2010 में कोचिंग एक्ट बनाया था.
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इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी  कार्यालय से कोचिंग संस्थान का निबंधन कराना अनिवार्य है. बावजूद इसके  अधिकांश कोचिंग संस्थानों ने रजिस्ट्रेशन तक नहीं करवाया. सरकार की ओर से 31 जनवरी को कोचिंग संस्थानों के निंबधन की  डेडलाइन भी खत्म हो गयी.
 राज्यभर में लगभग 971 कोचिंग संस्थानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि  मोटे तौर पर राज्य में करीब 20 हजार से अधिक निजी कोचिंग संस्थान चल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, शिक्षा विभाग के पास अभी 3052 कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन लंबित हैं.  शिक्षा विभाग के अनुसार जिन कोचिंग संस्थानों ने
अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया होगा, उन्हें संस्थान चलाने की  अनुमति नहीं दी जायेगी और उन्हें अब बंद कर दिया जायेगा.
दो फरवरी को बैठक : शिक्षा विभाग ने कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन, शिक्षक नियुक्ति समेत अन्य एजेंडों पर सभी डीइओ-डीपीओ की दो फरवरी को बैठक बुलायी है. इसमें अब तक हुए रजिस्ट्रेशन के लिए आये आवेदन और कितनों को निबंधित कर दिया गया, उसका आंकड़ा मांगा गया है. विभाग ने पहले ही साफ कर दिया है कि जिन  संस्थानों ने तय समय सीमा के अंदर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो उन्हें संस्थान चलाने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
 
तरह-तरह की कोचिंग
राज्य में मैट्रिक, इंटर, मेडिकल, इंजीनियरिंग से लेकर अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए धड़ल्ले से कोचिंग संस्थान खुल रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार अकेले पटना में पांच हजार कोचिंग चल रहे हैं जहां छात्रों से करोड़ों की उगाही हो रही है. ऐसे संस्थानों की मनमानी भी लगातार जारी है. ये कोचिंग संस्थान न तो रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं और न ही इसके लिए आवेदन देते हैं. राज्य सरकार ने इस पर पहल की और दिसंबर 2016 में शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन करवाने का निर्देश विभाग को दिया. इसके बाद आनन-फानन में माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को कोचिंग संस्थानों को रजिस्टर्ड करवाने का निर्देश दिया.
सरकार को मिलेंगी कई जानकारियां : कोचिंग संस्थानों के निबंधन होने से वहां पढाई के घंटे, शिक्षकों की संख्या और कोचिंग परिसरों में बुनियादी सुविधाओं के बारे में सरकार को जानकारी मिल सकती है. कोचिंग  संस्थानों  में नामांकन शुल्क  के बारे में भी सभी जानकारी सरकार को मिल पायेगी. इससे उनकी मनमानी पर भी रोक लग सकेगी.