उन्होंने कहा कि बिहारी अगर एक दिन काम बंद कर दें तो पूरी दिल्ली थम जाएगी।  उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिहारियों का योगदान इतना अधिक हो चुका है कि उनके बगैर काम नहीं होने वाला। बिहारी जब कहीं जाता है तो भीख नहीं मांगता, बल्कि कोई न कोई काम करता है। वह बोझ नहीं बनता, बोझ उठाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया को गति प्रदान करनी चाहिए। सरकार जब ऐसी कॉलोनियों को सड़क और बिजली दे रही है तो फिर शीघ्रता से इन्हें नियमित भी कर देना चाहिए। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से दिल्ली आने वाले गरीब, मजदूर दिन-रात मेहनत कर अपनी गाढ़ी कमाई से इन कॉलोनियों में जमीन खरीद कर मकान बनाते हैं। दिल्ली में जो सरकार चुनी जाती है उनमें प्रवासी बिहारियों का वोट अहम होता है। प्रवासी बिहारियों का वोट हासिल तो कर लेते हैं पर उनकी सुख सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता।